उमर खालिद को मिला दिग्विजय सिंह का समर्थन, कहा- गांधीवादी कभी हिंसक प्रवृत्ति का नहीं हो सकता
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की गिरफ्त में आए उमर खालिद से पूछताछ की गई है जिसमें उसने दिल्ली में हुए दंगों को लेकर कई खुलासे किए। जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने दिल्ली दंगों की साजिश रचने की अहम भूमिका निभाई थी। पुलिस को जांच में पता लगा है कि उमर खालिद ने पूर्वी दिल्ली में कई धरना स्थलों पर भड़काऊ भाषण दिए थे। उससे ही प्रदर्शनकारी इसके उकसावे में आ गए थे। दूसरी तरफ एमपी के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने दिग्विजय सिंह ने दिल्ली दंगे के आरोपी उमर खालिद का समर्थन किया है।
उमर खालिद के समर्थन में आए दिग्विजय सिंह
बता दें कि दिग्विजय सिंह ने एक पूर्व आईएएस के ट्वीट को रिट्वीट कर उमर खालिद का समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, ‘हर्ष मंदर एक बहुत ही कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार मध्यप्रदेश कॉडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं। मैं उनसे पिछले 35-40 वर्षों से परिचित हूं। अगर वो उमर खालिद के पक्ष में हैं तो मैं उनके साथ हूं। गांधीवादी कभी हिंसक प्रवृत्ति का नहीं हो सकता है। मैं #standwithUmarKhalid का समर्थन करता हूं’।
हर्ष मंदर एक बहुत ही कर्तव्यनिष्ठ एवं ईमानदार मध्यप्रदेश कॉडर के IAS अधिकारी रहे हैं। मैं उनसे पिछले ३५-४० वर्षों से परिचित हूँ। यदि वे उमर ख़ालिद के पक्ष में है तो मैं उनके साथ हूँ। गॉंधीवादी कभी हिंसक प्रवृत्ति का नहीं हो सकता। मैं #StandWithUmarKhalid का समर्थन करता हूँ। https://t.co/9r8h6i48fc
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 15, 2020
बता दें कि दिल्ली दंगों के साजिश के मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को गिरफ्तार किया गया है। उमर खालिदा का नाम दिल्ली दंगों की लगभगर हर चार्जशीट में हैं। हालांकि उसकी गिरफ्तारी को लेकर देशभर में कई जगह विरोध भी हो रहा है। कई अफसरों ने दिल्ली दंगों की जांच पर सवाल उठाए हैं। वहीं ट्विटर पर #StandwithUmarKhalid की मुहिम भी चला रहे हैं।
गिरफ्त में आया उमर खालिद
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने जांच में पता लगाया है कि उमर खालिद कई व्हाट्सएप ग्रुप से भी जुड़ा था। वो सोशल मीडिया के जरिए दंगों की भूमिका तैयार कर रहा था। दिल्ली में जानबूझकर ऐसे हालात पैदा किए गए थे कि लोगों में टकराव हो और दंगे भड़क जाए। इतना ही नहीं उमर के कहने पर ही महिलाओं को भी ज्यादा से ज्यादा धरना स्थल पर एकत्रित किया गया था ताकी पुलिस बल का प्रयोग ना कर पाए।