राम मंदिर निर्माण कार्य में बाधा पैदा कर रही है कांग्रेस सरकार, पिंक पत्थर की खदान पर लगाई रोक
राम मंदिर निर्माण कार्य सितंबर महीने से शुरू हो गया है और इस मंदिर को भव्य तरीके से बनाया जा रहा है। राम मंदिर बनाने के लिए राजस्थान से विशेष पत्थर मंगवाए जा रहे हैं। जिनका प्रयोग मंदिर को बनाने के दौरान किया जाएगा। राम मंदिर को बनाने के लिए पिंक स्टोन का भी प्रयोग किया जा रहा है। ये स्टोन राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाए जा रहे हैं। हालांकि अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने बंसी पहाड़पुर के पिंक स्टोन खदान पर रोक लगा दी है। जिसके कारण अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए ये पत्थर नहीं मिल पा रहे हैं।
राम मंदिर को बनाने के लिए तीन लाख घनफुट पत्थरों की जरूरत है। जिसमें से एक लाख घनफुट पत्थरों को तराशा जा चुका है। 20 हजार घनफुट के करीब पत्थर खरीदे भी जा चुके हैं। जिन्हें रामसेवक पुरम में रखा गया है। जबकि बचे हुए पत्थरों को बंसी पहाड़पुर की खदान से अयोध्या मंगाया जाना है। लेकिन इसी बीच राजस्थान सरकार ने इस खदान पर रोक लगा दी है। जिससे की मंदिर निर्माण कार्य पर असर पड़ सकता है। वहीं इस मामले में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा है कि वक्त आने पर वह कुछ बोलेंगे।
पिछले दिनों राजस्थान माइनिंग विभाग, हरातपुर जिला प्रशासन और पुलिस ने बंसी पहाड़पुर की खदान पर ये कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया है कि ये अवैध खनन है। जिलाधिकारी नथमल दिदेल के अनुसार उन्हें सूचना मिली थी कि यहां पर अवैध खनन किया जा रहा है। खनन करने के लिए पट्टा नहीं दी गई थी। लेकिन उसके बाद भी वहां खुदाई की जा रही थी। जो कि अवैध है।
बेहद ही खास हैं पिंक स्टोन
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने पिंक स्टोन पर बात करते हुए कहा कि ये पत्थर देखने में बेहद ही सुंदर है और इनकी आयु काफी लंबी होती है। ये पत्थर 1000 वर्ष तक सही रहते हैं। इसीलिए राम मंदिर बनाने के लिए राजस्थान के बंसी पहाड़पुर पिंक स्टोन पत्थरों का प्रयोग किया जा रहा है। ताकि ये मंदिर और सुंदर बन सके।
गौरतलब है कि अगस्त महीने में ही प्रधानमंत्री ने राम मंदिर का भूमि पूजा किया था। जिसके बाद इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। इस मंदिर को बनाने के लिए राजस्थान से पत्थर लगाए जा रहे हैं।