हिंदू को सौंपी गई अयोध्या में बन रही बाबरी मस्जिद की जिम्मेदारी, जानें इनके बारे में
यूपी के धन्नीपुर में बाबरी मस्जिद के वैकल्पिक निर्माण के लिए यूपी सरकार द्वारा पांच एकड़ जमीन दी गई है। इस जमीन पर धन्नीपुर मस्जिद कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाना है और इसके तहत यहां पर म्यूज़ियम, कम्युनिटी किचन और लाइब्रेरी जैसी चीजें बनाई जाएंगी। वहीं इन जगह के क्यूरेटर के तौर पर प्रोफेसर पुष्पेश पंत को नियुक्त किया गया है। जो कि एक हिंदू हैं।
कौन हैं पुष्पेश पंत
प्रोफेसर पुष्पेश पंत भारत के चर्चित और सम्मानित शिक्षक, फूड एक्सपर्ट और इतिहासकार माने जाते हैं। ये दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल रिलेशन विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख भी रह चुके हैं। इन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर लेखन और वार्ता भी की है और ये कई सारी पत्रिकाओं के लिए लेख भी लिखते हैं।
प्रोफेसर पुष्पेश पंत ने कई सारी किताबें भी लिख रखी हैं और साल 2011 में छपी इनकी किताब इंडिया: द कुकबुक काफी प्रसिद्ध साबित हुई थी। इस किताब को न्यूयॉर्क टाइम्स ने साल 2011 की सबसे बेहतरीन कुकबुक करार दिया था। फूड एक्सपर्ट के तौर पर इन्होंने कई टीवी शोज़ भी किए हैं।
पद्मश्री से नवाजा गया था
प्रोफेसर पुष्पेश पंत के योगदान को देखते हुए इन्हें साल 2016 में भारत सरकार ने पद्मश्री से नवाजा था। वहीं अब इन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसके तहत ये मस्जिद में बन रही चीजों का ध्यान रखेंगे। मिली जिम्मेदारी पर पुष्पेश पंत ने कहा कि मस्जिद के भीतर कम्युनिटी किचन बनाया जाएगा। इस कम्युनिटी किचन में 365 तरह के वेज और नॉन वेज बनाने की योजना है। मस्जिद के कम्युनिटी किचन में गरीबों के लिए खाना बनाया जाएगा, जो कि कम कीमत पर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने अपने फैसले में बाबरी मस्जिद के वैकल्पिक निर्माण के लिए यूपी सरकार को जमीन देने को कहा था। जिसके बाद यूपी सरकार ने धन्नीपुर में पांच एकड़ जमीन मस्जिद बनाने को दी थी। इस जगह मस्जिद बनाने का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। मस्जिद कॉम्प्लेक्स में म्यूज़ियम, कम्युनिटी किचन और लाइब्रेरी जैसी चीजें बनाई जानी है।
इस जगह पर बनने वाली मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद नहीं रखा जाएगा। इसे धन्नीपुर मस्जिद के नाम से जाना जाएगा। दरअसल राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर जो विवाद हुआ है, उसके चलते बनने वाली इस मस्जिद को बाबरी नाम ना देने का फैसला किया गया है।