अमेरिका में बैठे पति ने कोलकाता में रह रही पत्नी से मांगा ऑनलाइन तलाक, ऐसे चली कोर्ट की सुनवाई
अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के निवासी ने कोलकाता में रह रही अपनी पत्नी से तलाक मांगा था। जिसके बाद इस मामले की सुनवाई के लिए जूम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया। गत गुरुवार को इस केस की सुनवाई की गई और अमेरिकी कोर्ट ने पति की याचिका को खारिज कर दिया। दरअसल पति अमेरिका का नागरिक नहीं था बल्कि ग्रीन कार्ड होल्डर हैं। इसलिए टेक्सास काउंटी अदालत ने इस मामले को भारत की अदालत का मामला बताते हुए पति की तलाक की याचिका को खारिज कर दिया।
एक साल से चल रहा है केस
पति ने पिछले साल कोलकाता में रह रही अपनी पत्नी से तलाक मांगा था और टेक्सास काउंटी अदालत में याचिका दायर की थी। जिसके बाद टेक्सास काउंटी अदालत ने पत्नी को तीन बार ईमेल भेजकर उन्हें अमेरिका आने को कहा था। ताकि केस की सुनवाई हो सके। हालांकि पत्नी के वकील चंद्रशेखर बाग ने इन ईमेल का जवाब देते हुए कहा था कि अगर अमेरिका जाने, टेक्सास में रहने और वहां खाने-पीने और कानूनी लड़ाई लड़ने का खर्चा उनके पति उठाने को राजी हो जाते हैं। तो वो अमेरिका आने को तैयार है। जिसके बाद पति की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। वहीं इसी बीच कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लग गया और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हो गईं।
जूम टेक्नोलॉजी से की सुनवाई
कोरोना वायरस के कारण इस केस की सुनवाई जूम टेक्नोलॉजी के माध्यम से की गई। जुलाई में पत्नी को नोटिस भेजा गया और 1 सितंबर को ईमेल पर जूम का आइडी व पासवर्ड दिया गया। जिसके बाद इस केस की सुनवाई भारतीय समयानुसार शाम 7.30 बजे की गई। जो कि रात 9.00 बजे तक चली। कलकत्ता हाईकोर्ट के अधिवक्ता चंद्रशेखर बाग ने पत्नी का पक्ष करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल के पति अमेरिका के नागरिक नहीं है। बल्कि ग्रीन कार्ड होल्डर हैं। इसलिए उस देश में इस मामले की सुनवाई नहीं की जा सकती है। इतना ही नहीं इन दोनों की शादी भारत में हुई है। साथ में ही इनकी एक बेटी भी है। इसलिए ये केस भारत में लड़ा जाना चाहिए। पत्नी के वकील की बात से सहमत होते हुए अमेरिका की अदालत ने मामले को खारिज कर दिया। अदालत ने माना कि ये पूरा मामला भारत से जुड़ा है। इसलिए इस देश की अदालत में ही इस मामले पर सुनवाई होनी चाहिए। अगर पति अमेरिका का नागरिक होते। तक इस मामले की सुनवाई अमेरिका में की जाती है।