सुशांत केस: एम्स फॉरेंसिक टीम के डॉक्टरों का दावा, कहा- आत्महत्या में नहीं मिलते ऐसे निशान
सुशांत केस में देश की तीन प्रमुख एजेंसियां सीबीआई, ईडी और एनसीबी जांच करने में जुटी हुई है. आये दिन इस केस में नए खुलासे हो रहे हैं. केस की जांच बारीकी से की जा रही है. इसी बीच सुशांत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट एम्स की फॉरेंसिक टीम के घेरे में आ गयी है. टीम सुशांत के फॉरेंसिक रिपोर्ट को लेकर सवाल उठा रही है. टीम ने सुशांत का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों से भी बात की है. साथ ही उन्होंने आत्महत्या से बने सुशांत के गले पर निशान के बारे में भी पूछा है.
रिपोर्ट की मानें तो सुशांत के गले पर मौत के बाद जो निशान बने थे, वह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या की तरफ इशारा कर रहे हैं. मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंपी है. हाल ही में सीबीआई ने एम्स के डॉक्टर को कहा था कि वे एक बार फिर सुशांत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की जांच करें. एम्स की फॉरेंसिक टीम ने रिपोर्ट को अच्छे से एनालाइज करने के बाद जो रिपोर्ट सौंपी है, वह सुशांत का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों पर सवाल खड़े कर रही है.
दरअसल, जब कोई आत्महत्या करता है तो फंदे के कारण उसके गले में ऊपर की तरफ यू (U) शेप का निशान बन जाता है. लेकिन सुशांत के गले में यू (U) की जगह ओ (O) का निशान बना था. ये निशान ऊपर जाने की बजाय सुशांत के गले के बीच में था और एक सीधी रेखा बना रहा था. वहीं, आत्महत्या करने वाले शख्स के गले पर ये निशान तिरछे व किसी खरोंच की तरह नजर आते हैं, जबकि सुशांत के गले पर बना निशान एकदम सीधा व साफ था.
इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए एम्स की फॉरेंसिक टीम ने पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों से बातचीत की है. फॉरेंसिक टीम ने डॉक्टरों से पूछा कि सुशांत की हत्या को लेकर जिस तरह की खबरें सामने आ रही हैं उन्हें आप किस तरह से जस्टिफाई करेंगे. सुशांत के गले पर गाढ़ा साफ निशान जो बना है वो एक कुरते से कैसे आ सकता है. फॉरेंसिक टीम सुशांत का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों से सुशांत के गले पर बने निशान के बारे में भी जानना चाहती है.
बता दें, एम्स की फॉरेंसिक टीम में डॉक्टर टी मिल्लव, डॉक्टर आदर्श कुमार और डॉ अभिषेक यादव शामिल हैं, जिन्होंने सुशांत का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों से बात की है. पूछताछ के तहत फॉरेंसिक टीम उस जगह भी जा सकती है, जहां सुशांत का पोस्टमॉर्टम किया गया था. सुशांत का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों के अलावा मोर्चरी के स्टाफ से भी फॉरेंसिक टीम पूछताछ कर सकती है.
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