कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी को भेजा एक और पत्र, परिवार मोह से ऊपर उठने की दी सलाह
कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक और पत्र भेजा गया है। जिसमें कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधा है। ये पत्र यूपी के पूर्व सांसद संतोष सिंह, पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व विधायक विनोद चौधरी, भूधर नारायण मिश्रा, नेकचंद पांडे, स्वयं प्रकाश गोस्वामी और संजीव सिंह की ओर से भेजा गया है। पत्र में इन सभी नेताओं ने पार्टी को परिवार के मोह से ऊपर उठकर सोचने की बात कही है। पिछले साल पार्टी से निकाले गए इन नौ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र भेजकर कहा है कि वो पार्टी को महज ‘इतिहास’ का हिस्सा बनकर रह जाने से बचा लें। परिवार के मोह से ऊपर उठें और पार्टी की लोकतांत्रिक परंपराओं को फिर से स्थापति करें।
बुरे दौर में है कांग्रेस
इस पत्र में इन नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। पार्टी के पदों पर उन लोगों का कब्जा है जो वेतन के आधार पर काम कर रहे हैं। ये लोग पार्टी के प्राथमिक सदस्य भी नहीं हैं। ये नेता पार्टी की विचारधारा से परिचित नहीं हैं। लेकिन उन्हें यूपी में पार्टी को दिशा देने का काम सौंपा गया है। पत्र में आगे कहा गया है कि ये लोग उन नेताओं के प्रदर्शन का आकलन कर रहे हैं। जो 1977-80 के संकट के दौरान कांग्रेस के साथ खड़े थे। इनके द्वारा लोकतांत्रिक मानदंडों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। साथ में ही इन्हें अपमानित भी किया जा रहा है और पार्टी से निकाला जा रहा है। नेताओं और पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच संवाद की कमी है। पत्र में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि अगर कुछ नहीं किया जाता है। तो कांग्रेस को यूपी में तगड़ा नुकसान होगा। जो कभी पार्टी का गढ़ हुआ करता था।
गौरतलब है कि इससे पहले भी सोनिया गांधी को पार्टी के बड़े नेताओं ने पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने पार्टी के अंदर चुनाव करवाने की बात कही थी। इस पत्र के बाद पार्टी में काफी घमासान हुआ था। वहीं अब उत्तर प्रदेश के नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर राज्य में कांग्रेस पार्टी में चल रही गुटबाजी, मतभेदों के बारे में बताया है। आपको बता दें कि इस समय उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के कामों को प्रियंका गांधी द्वारा देखा जा रहा है और वो ही अहम फैसले ले रही हैं।