शास्त्रों के अनुसार मरने के बाद सपने में दिखाई दें परिजन, तो मिलते हैं भविष्य से जुड़े ये संकेत
सपने में दिखने वाली चीजों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि इन चीजों की मदद से हमें कई बार भविष्य में क्या होने वाला है। इसके बारे में संकेत मिलता है। कई लोगों को सपनों में अपने पितर दिखाई देते हैं। गरुण पुराण के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को पितृ पक्ष में स्वर्ग वासी हो चुके परिजन सपने में दिखाई दें। तो ये एक विशेष तरह का संकेत होता है। इसलिए सपनों में स्वर्ग वासी हो चुके परिजन दिखाई देने पर आप इसे नजरअंदाज ना करें और समझने की कोशिश करें कि आखिर वो आपसे क्या कहना चाहते हैं।
सपने में दिखाई दें परिजन, तो मिलता हैं भविष्य से जुड़ा संकेत
सपने में पितरों के दिखने के कई सारे अर्थ होते हैं। वो सपने में आपको क्या करते हुए दिखाई देते हैं। इसपर निर्भर होता है कि वो आपसे क्या कहना चाहते हैं या आपको किस चीज का संकेत दे रहे हैं। आज हम आपको कुछ संकेत के बारे में बताने वाले हैं, जो कि इस प्रकार हैं-
परिजन को बीमार या कष्ट में देखना
सपने में अगर आपको अपने पितर बीमार या कष्ट में दिखें। तो इसका अर्थ होता है कि उनकी आत्मा शांत नहीं है। वो दुख में है। सपने में पितर दुखी दिखें तो आप पितृ पक्ष में अच्छे से तर्पण, श्राद्ध या दान आदि करें। ताकि उनको शांति मिल सके।
परिजन का स्वस्थ या खुश दिखना
पितृ पक्ष के दौरान सपनों में पितर खुश दिखाई दें। तो समझ लें कि उनकी आत्म बेहद ही शांत हैं और वो आप से खुश हैं। उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं और वो आपको आशीर्वाद देने के लिए आए हैं। आपके द्वारा जो काम किए जा रहे हैं। उनको देखकर उन्हें खुशी मिल रही है।
कुछ चीज देना
सपने में पितर आपको कुछ देते हुए दिखाई दें। तो ये शुभ संकेत होता है। इसका अर्थ होता है कि आपको आर्थिक लाभ होने वाला है और भाग्य खुलने वाला है।
जीवित व्यक्ति का मृत दिखना
सपने में अगर कोई जीवित व्यक्ति मरा हुआ दिखे। तो आप डरे नहीं क्योंकि इस प्रकार का सपना आने का अर्थ है कि उसकी आयु बढ़ गई है। पुराणों के अनुसार कोई व्यक्ति सपने में मरता हुआ दिखे। तो ये शुभ संकेत होता है। इसका मतलब होता है कि उस व्यक्ति की आयु बढ़ने वाली है।
ना करें ये गलती –
पुराणों में पितरों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इंसान की मृत्यु होने के बाद उसे बार-बार याद नहीं करना चाहिए। मरे हुए व्यक्ति को बार-बार याद करने से उनकी आत्मा को कष्ट पहुंचता है। साथ में ही आपके भाग्य पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए आप अपने पितरों को बार-बार याद ना किया करें।
श्राद्ध शुरू होने पर उनके नाम का दान या उनके लिए पूजा करवा दें। ऐसा करने से उनको शांति मिलती है। साथ में ही कुंडली में पितर दोष भी नहीं लगता है।