केजरीवाल को पता है कैसे होती है EVM से छेड़छाड़, चुनाव आयोग से मांगी 72 घंटे की मोहलत!
नई दिल्ली – दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर ईवीएम मशीनों को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग से कहा है कि वो मशीनों को सार्वजनिक करें, जिससे इनकी जांच हो सके। अरविंद केजरीवाल ने यह भी दावा किया है कि अगर चुनाव आयोग ईवीएम मशीनें उन्हें दे तो वे 72 घंटे के भीतर ईवीएम से छेड़छाड़ कर सकते हैं। ऐसा दावा तो सिर्फ केजरीवाल ही कर सकते हैं। Arvind kejriwal evm tampering.
EVM हमें दो, हम कर देंगे छेड़छाड़ –
EVM में छेड़खानी के मुद्दे पर बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग से निष्पक्ष वोटिंग के लिए पेपर बैलेट का इस्तेमाल करने की सलाह दी। केजरीवाल ने कहा, “ये मशीन बहुत बड़ा सवाल खड़ा करती है।” केजरीवाल ने EVM पर बोलते हुए कहा, पहले बटन दबाने पर बीजेपी की लाइट जलती है। लेकिन अब ऐसे बदला गया गया है कि लाइट तो वही जलेगी, लेकिन वोट बीजेपी को जाएगा। बड़ा अजीब सॉफ्टवेयर बनाया गया है।
बैलेट पेपर से कराए जाएं MCD चुनाव –
सीएम अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि, मध्य प्रदेश के भिंड में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई। केजरीवाल ने चुनाव आयोग से ईवीएम के सॉफ्टवेयर से संबंधित डेटा सार्वजनिक करने की मांग की। केजरीवाल ने यह भी कहा कि यदि चुनाव आयोग के पास डेटा डिकोड करने की तकनीक उपलब्ध नहीं है तो आम आदमी पार्टी के एक्सपर्ट 72 घंटे में ऐसा कर सकते हैं। साथ ही केजरीवाल ने कहा कि एमसीडी चुनाव बैलेट पेपर से होना चाहिए।
चुनाव आयोग की चुनौती, ‘ साबित करें EVM में छेड़छाड़’ –
चुनाव आयोग पर अरविंद केजरीवाल द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि जिस किसी पार्टी और व्यक्तियों को ऐसा लगता है कि EVM में छेड़छाड़ संभव है, तो वह साबित करें कि EVM से छेड़खानी हो सकती है। चुनाव आयोग ऐसे सभी आरोपों का जवाब देने के लिए जल्द ही तारीख की घोषणा करेगा, जिसमें हर किसी को खुली चुनौती दी जाएगी कि वो साबित करे कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है। गौरतलब है कि साल 2009 में निर्वाचन आयोग ने ऐसा ही किया था, लेकिन कोई भी इसे साबित नहीं कर पाया था।