डॉक्टर बनना चाहती है बेटी तो पिता ने जेल में 15 साल तक जो भी कमाया था, बेटी पर सब खर्च कर दिया
बेटियां देश का भविष्य होती है। यह बात हर व्यक्ति को समझने की जरूरत है। इसलिए बेटी की शिक्षा में कभी कोई बाधा नहीं आने देना चाहिए। बेटे की तरह उसे भी अपने सपनों को पूरा करने का हक होता है। यह बात शायद छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के पास बसे Aamdarha गांव में रहने वाले आनंद नाघेशिया भी समझ गए। यही वजह थी कि उन्होने 12वीं क्लास में पढ़ रही अपनी बेटी के ऊपर अपनी 15 साल की मेहनत लूटा दी।
15 साल जेल में गुजार घर आया पिता
दरअसल आनंद नाघेशिया पिछले 15 सालों से एक हत्या के जुर्म में जेल की सजा काट रहे थे। हाल ही में जब वे घर लौटे तो बहुत खुश थे। हालांकि उनकी खुशी तब दुख में बदल गई जब उन्हें पता चला कि उनकी बेटी को रोज ऑनलाइन क्लास अटेंड करने में दिक्कत हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि यमिनी के पास कोई स्मार्टफोन नहीं है।
जेल की कमाई से बेटी के लिए खरीदा फोन
आनंद ने जेल में 15 साल अपनी मेहनत से जो भी पैसे कमाए थे, उससे अपनी बेटी को एक नया स्मार्टफोन लाकर दे दिया। स्मार्टफोन आ जाने के बाद उनकी बेटी को ऑनलाइन क्लास अटेंड करने में अब कोई दिक्कत नहीं हो रही है।
डॉक्टर बनना चाहती है बेटी
आनंद की बेटी बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है। वो ऐसा कर अपना सहयोग मानवता के नाम करना चाहती है। आनंद बताते हैं कि जेल में रहकर उन्हें यह एहसास हुआ कि पढ़ाई लिखाई जीवन में कितनी जरूरी है। ऐसे में उन्होने तय किया कि वे अपनी बेटी की पढ़ाई लिखाई में कोई बाधा नहीं आने देंगे। बस यही वजह है कि जब उन्हें पता चला कि उनकी बेटी को स्मार्टफोन न होने की वजह से ऑनलाइन क्लास अटेंड करने में दिक्कत आ रही है तो उन्होने उसे अपनी जेल की कमाई से नया स्मार्टफोन ला दिया।
जेल में था अच्छा व्यवहार
जेल अधीक्षक, राजेंद्र गायकवाड़ के अनुसार जेल में आनंद का व्यवहार अच्छा था। वे उन गिने चुने 20 लोगों में से थे जिन्हें जेल में उनके अच्छे व्यवहार के लिए जाना जाता है।
आनंद ने अपनी बेटी के लिए जो किया उससे एक मिसाल तो साबित हो ही गई। शिक्षा हर लड़की के लिए जरूरी होती है। यही उनका भविष्य सवारती है। बेटी अपने पैरो पर खड़ी हो जाए तो पैसो के लिए फिर उन्हें किसी के सामने हाथ नहीं फैलाने पड़ते हैं। वैसे इस खबर के बारे में आपकी क्या राय है?