पितृ-पक्षः पितरों को भोजन परोसने में रखें विशेष ध्यान, भूलकर भी थाली में ना शामिल करें ये सामान
2 सिंतबर से पितृ पक्ष की शुरुआत हो रही है। हमारे हिंदू धर्म में पितरों को श्राद्ध देना बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा से हैं जो धर्म का आधार माना जाता है। स्वयं माता पार्वती और भगवान शिव को ‘श्रद्धा विश्वास रुपिणौ’ कहा गया है। पितृ-पक्ष के कारण हमें अपने पितरों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर मिलता है। जिन लोगों पर उनके पूर्वज और पितृ कृपा बनाए रखते हैं उन लोगों के भाग्य की रेखा हमेशा चमकती रहती है और उन्हें किसी प्रकार का कष्ट नहीं होता है।
पितरों कों श्रद्धा अर्पण करने के लिए भोजन करवाया जाता है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में पितर लोक से पितर देव अपने परिजनों से मिलने के लिए धरती पर किसी ना किसी रुप में आते हैं और परिजनों के द्वारा भोजन और भाव ग्रहण करते हैं। ऐसे में उनके भोजन बनाने और परोसने में विशेष सावधानी की जरुरत होती है।
क्या है पितृपक्ष का महत्व
पितृपक्ष के दौरान पिंडडान, तर्पण और ब्राह्मणों को भोजन करवाया जाता है जिससे पितरदेव प्रसन्न होते हैं और परिजनों को आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष के दौरान 16 दिनों तक पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है। शास्त्रों में माना जाता है कि जो लोग पितृपक्ष में अपने पूर्वजों का तर्पण और पिंडदान नहीं करते , उनके घर में कोई ना कोई अनहोनी होती रहती है। ऐसे में अपने पितरों को प्रसन्न करना जरुरी है और उनके लिए पूरी श्रद्धा से भोजन बनाना चाहिए।
पितृ भोजन में क्या बनाएं और क्या ना बनाएं
श्राद्ध के भोजन में खीर पूड़ी, हलवा बहुत ही शुभ माना जाता है। ब्राह्मणों को भोजन में भी खीर पूड़ी, हलवा या कुछ मीठा ही परोसना चाहिए। हालांकि पौराणिक मान्यता है कि आपके पूर्वजों को उनके जीवन में खाने में जो चीजें पसंद थी, उन्हें खाद्ध आहार का भोग लगाना चाहिए। इससे पितर खुश होते हैं और पितर घर के सभी सदस्यों पर कृपा बनाए रखते हैं।
हालांकि प्रसन्न करने के चलते भोजन में कुछ ऐसा ना बना दें जो नहीं बनाना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार बहुत सी भोजन सामाग्रियां ऐसी होती हैं जिनका इस्तेमाल पितरों के भोजन में नहीं करना चाहिए। आपको बताते हैं कौन से हैं वो सामान जो भोज में नहीं बनानी चाहिए।
- चना
- मसूर
- उड़द
- कुलथी
- सत्तू
- मूली
- काला जीरा
- कचनार
- खीरा
- काला उड़द
- काला नमक
- लौकी
- प्याज
- लहसुन
- बड़ी सरसों
- काले सरसों की पत्ती और बासी
- खराब अन्न
- फल और मैवे जैसी चीजों को भी श्राद्ध भोज में कभी भी शामिल नहीं करना चाहिए। इससे पितर प्रसन्न होने की बजाय क्रोधित हो जाते हैं। ऐसे में श्राद्ध थाली में इस तरह के भोजन को परोसने से बचें।