नीतीश ने बूचड़खानों पर कार्रवाई को बताया गैर जरूरी, कहा भाजपा में दम है तो देश में शराबबंदी करें
बिहार के सीएम नीतीश कुमार नोटबंदी के मुद्दे पर तो पीएम मोदी और बीजेपी से इत्तेफाक रखते हैं लेकिन अवैध बूचड़खाने बंद कराये जाने के फैसले से नहीं. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव रखते हैं तो पूरे देश में शराबबंदी करें. उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि अगर पूरे देश में शराबबंदी लागू नहीं हो सकती तो कम से कम बीजेपी शासित राज्यों में शराबबंदी करने की हिम्मत दिखाएं.
अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई को बताया गैर जरूरी :
सीएम नीतीश कुमार ने जनसंवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बातें कहीं. उत्तर प्रदेश में अवैध बूचडखाने बंद किये जाने से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह सब बकवास है, अवैध बूचड़खाने हैं ही कितने? उन्होंने बिहार के कानून का हवाला देते हुए कहा कि बिहार में 1955 में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कानून बनाया गया था और कोई अगर कानून तोड़ेगा तो बंद हो जायेगा.
नीतीश कुमार ने इन सभी मुद्दों पर मीडिया को खूब खरी खोटी सुनाई. उन्होंने मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि मीडिया गैरजरूरी मुद्दों को प्रमुख बनाकर बहस करा रहा है. मीडिया किसानों की कर्जमाफी पर सवाल नहीं करता कि वो वादा पूरा हुआ कि नहीं. उन्होंने कहा कि जानबूझकर सोची समझी रणनीति के तहत बूचड़खाने का मुद्दा उठाया जा रहा है ताकि लोग फंसे रहें और सही मुद्दों पर बात नहीं करें.
उन्होंने सवाल किया कि क्या रोजगार बढ़ाने या कृषि के विकास के मुद्दों पर बहस हो रही है?, खेती की समस्याओं पर बहस हो रही है? बेरोजगारी की स्थिति यह है पटेल और मराठा जैसे प्रभावी लोग भी आरक्षण की मांग कर रहे हैं.
नीतीश कुमार ने नोटबंदी के फैसले पर भी सवाल किये उन्होंने पूछा कोई बता नहीं रहा कि आखिर कितना काला धन आया. इसके अलावा उन्होंने बेनामी संपत्ति जब्त किये जाने की भी मांग की. बेनामी संपत्ति के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र मौन साधे हुए है. जबतक बेनामी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया नहीं शुरू होगी तबतक काले धन के खिलाफ अभियान अधूरा रहेगा.