श्राद्ध में इन 7 चीजों के दान से मिलता है पितरों का आशीर्वाद, घर में आती है खुशियां
हिंदू धर्म में माता-पिता की सेवा को सबसे बड़ी पूजा माना गया है और इसलिए पितरों का उद्धार करने के लिए पुत्र को होना जरुरी माना जाता है। मृत्यु के बाद हम अपने पूर्वजों को भूल ना जाएं इसलिए उनका श्राद्ध करने का विशेष विधान बताया गया है। इस बार श्राद्ध पक्ष 2 सिंतबर से शुरु हो रहा है, लेकिन पितृ पक्ष का पहला श्राद्ध अगस्त मुनि का होता है जो भाद्र पक्ष की पूर्णिमा को लगता है। इस बार भाद्र पक्ष पूर्णिमा 1 अगस्त को था इसलिए अगस्त मुनी नाम से इस दिन पूजन हुआ।
प्रतिपदा का पहला पितृ श्राद्ध 1 सितंबर को होगा। इस साल पितृपक्ष का समापन 17 सिंतबर को होगा। पितृपक्ष के दिनों में हमारे पूर्वज हम पर कृपा बनाए रखते हैं। अगर इन दिनों में आप कुछ खास चीजों का दान करते हैं तो आप धनवान हो सकते है। पितरों की शांति के लिए श्राद्ध में दान करना जरुरी है। आपको बताते हैं कौन सी हैं वो 7 चीजें जिनका दान जरुर करना चाहिए।
काला तिल
माना जाता है कि इस दौरान पितरों के तर्पण के निमित्त किसी भी चीज का दान करते समय हाथ में काले तिल को लेकर दान करना चाहिए। श्राद्ध में काले तिल का दान बहुत अच्छा माना जाता है। कहते हैं कि अगर इस दौरान किसी दूसरे सामान का दान ना भी कर पाएं तो काले तिल का दान जरुर करें।
वस्त्र का दान
श्राद्ध कर्मों में वस्त्र का दान करना आपको भाग्यशाली बनाता है। कहते है कि जो व्यक्ति श्राद्ध के समय पितरों के निमित्त वस्त्रों का दान करते हैं उन पर सदैव पित्तरों की कृपा बनी रहती है और उनके पास कभी वस्त्रों की कमी नहीं होती है।
चांदी का दान
श्राद्ध कर्म में चांदी धातु से बने किसी भी सामान का दान करने का विशेष महत्व होता है। पुराणों में पितरों का निवास चंद्रमा के ऊपरी भाग में बताया गया है। वहीं चांदी का संबंध चंद्र ग्रह से है। ऐसे में श्राद्ध् में चांदी, चावल, दूध का दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और कृपा बनाते हैं।
गुड़-नमक
पितरों को भोजन तो चढ़ाया ही जाता है लेकिन किसी गरीब को गुड़ या नमक का दान करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। श्राद्ध में इन चीजों का दान करने से गृह क्लेश दूर होता है। घर में रहने वालों का मानसिक तनाव दूर होता है। वहीं नमक के दान से यम का भय दूर होता है।
जूते-चप्पल
श्राद्ध में जूतो चप्पलों का दान करना भी शुभ माना गया है। पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म में जूते चप्पलों का दान करना भी अच्छा होता है।
छतरी
श्राद्ध में छतरी का दान भी अच्छा होता है। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से घर में सुख शांती और खुशहाली आती है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
भूदान
शास्त्रों में भू दान को सर्वोत्तम माना गया है। कहते हैं कि श्राद्ध के समय जो व्यक्ति भू-दान करता है उसके पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। ऐसे में इस तरह के दान से आप धनवान भी बन जाएंगे और आप पर पितरों की कृपा बनी रहेगी।