फिल्मों में आने से पहले स्वतंत्रता सेनानी थे हंगल, आखिरी दिनों में हो गए थे पाई-पाई के मोहताज
इतना सन्नाटा क्यों है भाई…..ब्लॉकबस्टर फिल्म शोले में रहीम चाचा का किरदार निभाकर सुर्खियां बटोरने वाले एक्टर एके हंगल की आज 8वीं पुण्यतिथि है। 26 अगस्त 2012 को हंगल साहब हमेशा हमेशा के लिए ये दुनिया छोड़कर चले गए थे। उनका पूरा नाम अवतार किशन हंगल था। बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि वो सिर्फ एक बॉलीवुड एक्टर ही नहीं बल्कि एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे। बॉलीवुड में कदम रखने से पहले वो एक फ्रीडम फाइटर थे। हंगल साहब ने बॉलीवुड में करीब 225 फिल्मों में काम किया, लेकिन उनकी जिंदगी के आखिरी दिन बेहद गरीबी में गुजरे थे। अपने जीवन के अंतिम दिनों में वो पाई-पाई तक के मोहताज हो गए थे। आज उनके पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए बताते हैं आपको उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से।
कराची की जेल में दो साल बंद थे एके हंगल
एके हंगल बॉलीवुड के एक शानदार कलाकार तो थे इसके अलावा वो भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के रिश्तेदार भी थे। एके हंगल का जन्म एक कश्मीरी पंडित के परिवार में हुआ था। उनका बचपन पाकिस्तान के पेशावर में बीता था। यहीं वो थिएटर किया करते थे। जब देश में आजादी के स्वर उंचे हो रहे थे तो उसमें एके हंगल भी शामिल हुए थे। 1929 से लेकर 47 तक उन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी। वो मार्क्सवादी थे इसके चलते कराची की जेल में दो साल बंद भी रहे थे। 1949 में जेल से छूटने के बाद वो अपने परिवार के साथ मुंबई आ गए थे।
एके हंगल कभी भी बॉलीवुड में बतौर हीरो नजर नहीं आए क्योंकि उन्होंने बॉलीवुड में एंट्री तब की जब वो 52 साल के थे। 1966 में रिलीज हुई फिल्म ‘कसम’ उनकी पहली फिल्म थी। 70-90 के दशक में उन्होंने बहुत सी फिल्में की। एके हंगल ने बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ लगभग 16 फिल्मों में काम किया था। इसके अलावा वो नमक हराम, हीर रांझा, शौकीन, अर्जुन , कोरा कागज, बावर्ची, बालिका वधु जैसी कई फिल्में कीं।
जिंदगी के आखिरी दिनों में हो गई थी बुरी हालत
एके हंगल को फिल्म शोले में रहीम चाचा के किरदार के लिए काफी पसंद किया गया। फिल्म में उनका डॉयलाग इतना सन्नाटा क्यों है भाई…..को लोगों ने दिल से याद कर लिया। ये फिल्म के सबसे भावुक कर देने वाले डायलॉग में से एक था। एके हंगल फिल्में तो करते रहे लेकिन धीरे धीरे उनकी उम्र बहुत ज्यादा हो गई। फिल्मों में काम करना उनके लिए मुश्किल होने लगा।
अपने जीवन के अंतिम दिन उन्होंने बहुत कष्ट में गुजारे। वो 95 साल की उम्र में अपने बेटे का साथ खंडहर जैसे घर में रहते थे। एक वक्त ऐसा भी आया जब उनकी हालत इतनी खराब हो गई कि उनके पास दवाईयों और मेडिकल का बिल भरने तक के पैसे नहीं थे। ये खबर जब बॉलीवुड में फैली तो कई लोगों ने आर्थिक रुप से उनकी मदद की।
एक बार एके हंगल बाथरुम में फिसलकर गिर गए जिसके बाद उनकी जांघ की हड्डी टूट गई और पीठ में भी चोट आ गई। सर्जरी के लिए उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन सांस लेने में तकलीफ होने के चलते उनकी सर्जरी नहीं हो सकी। इसके बाद उनकी हालत और खराब होने लगी और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया। धीरे धीर उनके फेंफड़ों ने काम करना बंद कर दिया और वो इस दुनिया से हमेशा हमेशा के लिए चले गए।