गरुड़ प्रकाशन लेकर आएगा दिल्ली दंगों की किताब, इस्लामी और वामपंथियों के मंसूबे हुए नाकाम
दोगले पत्रकारों और वामपंथियों के दबाव के कारण ब्लूम्सबरी ने इस किताब का प्रकाशन करने से मना कर दिया था
फरवरी महीने में दिल्ली में हुए दंगों पर एक किताब लिखी गई है। जिसे ब्लूम्सबरी (Bloomsbury) समूह द्वारा प्रकाशित किया जाना था। लेकिन इस्लामी और वामपंथियों के दबाव के कारण ब्लूम्सबरी ने इस किताब का प्रकाशन करने से मना कर दिया। जिसके बाद अब गरुड़ प्रकाशन समूह सामने आया है और इस समूह ने ये किताब प्रकाशित करने का फैसला लिया है। इस किताब को मोनिका अरोड़ा, सोनाली चितालकर और प्रेरणा मल्होत्रा द्वारा लिखा गया है। इस कितबा का नाम Delhi Riots 2020: The Untold Story है। ये किताब लेखिकाओं द्वारा की गई दंगों की जांच, पड़ताल व साक्षात्कार के आधार पर लिखी गई है।
किताब की लेखिका मोनिका अरोड़ा ने इस बारे में जानकारी देते हुए लिखा कि लोगों की भावनाओं को देखते हुए उन्होंने फैसला किया है कि गरुड़ प्रकाशन समूह के साथ वो जाएंगे। सच को सामने लाना है।
@advmonikaarora ji, Thank you so much for putting your trust in @GarudaPrakashan.?
Friends! Thank you so much for your support.
Let’s together make it reach every household.
Truth must prevail!#DelhiRiotsTheUntoldStory https://t.co/D2UbO6mjRz— Garuda (@GarudaPrakashan) August 23, 2020
ब्लूम्सबरी की और से नहीं दिया गया लिखित जवाब
वहीं एक अन्य ट्वीट में मोनिका ने लिखा कि “निवेदन के बाद हमसे लिखित तौर पर कोई संवाद नहीं किया गया है। हम अपनी किताब की हत्या नहीं कर सकते हैं। लोग इस किताब को खरीदना चाहते हैं। हमारे पास दूसरे प्रकाशन समूह को स्वीकार करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता है।”
दरअसल 22 अगस्त 2020 को इस किताब के वर्चुअल विमोचन के दौरान ब्लूम्सबरी यूके मुख्यालय से दबाव बनाया गया। जिसके बाद इस समूह ने किताब प्रकाशित करने से मना कर दिया। इतना ही नहीं जब किताब की लेखिका ने ब्लूम्सबरी प्रकाशन समूह को मेल कर पूछा कि क्या वो इस किताब का प्रकाशन नहीं कर रहे हैं? अगर हां तो इस बात को लिखित में दें। लेकिन ब्लूम्सबरी ने फोन पर ही इस बात की जानकारी दी और कागजी तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की।
हालांकि गरुड़ प्रकाशन ने ये किताब प्रकाशित करने का फैसला लिया और इस फैसलों को लेकर लेखिका मोनिका अरोड़ा ने गरुड़ प्रकाशन का आभार भी जताया है। आपको बता दें कि दिल्ली में फरवरी महीने में दंगे हुए थे और इस दौरान कई सारे लोगों को दंगाइयों ने मार दिया था। दिल्ली दंगों में अंकित शर्मा नामक युवक को उसके घर से दंगाई पकड़कर ले गए थे। जिसके बाद अंकित का शव नाले से मिला था। अंकित के शव पर कई सारे घाव मौजूद थे।
दिल्ली दंगो में शामिल आरोपियों को दिल्ली पुलिस ने पकड़ लिया है और ताहिर हुसैन को दंगों का मुख्य आरोपी बनाया गया है। वहीं जो चार्जशीट कोर्ट में पुलिस की और से दायर की गई है उसके आधार पर कोर्ट ने ये माना है कि ताहिर हुसैन ने मुस्लिमों को हिंसा के लिए भड़काया था।