घर के इस दिशा में होता है धन के देवता कुबेर का बसेरा, भूलकर भी न करें ऐसी गलतियां
कुबेर धन के देवता हैं. उत्तर दिशा का स्वामी कुबेर को माना जाता है, इसलिए घर में उत्तर की दिशा कुबेर की दिशा कही जाती है. इसलिए मकान बनवाते समय लोग इस बात का खासा ध्यान रखते हैं कि मकान उत्तरमुखी हो. घर की उत्तर दिशा के वास्तु दोष मुक्त हो तो धन-यश की वृद्धि होती है. हालांकि, उत्तरमुखी मकान में रहने पर भी कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वास्तु के नियमों का पालन न करने पर उत्तरमुखी घर में भी लोग कष्टों से घिरे रहते हैं.
वास्तु की मानें तो यदि उत्तरमुखी घर में मुख्यद्वार पूर्व की जगह पश्चिम में हो तो लोग अधिक दिनों तक ऐसे घर में टिक नहीं पाते. इस वजह से घर का मुखिया पैसा कमाने के लिए अधिकतर घर से बाहर ही रहता है. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो उत्तर-पश्चिम दिशा में मुख्यद्वार के पास ही भूमिगत पानी की टंकी और बोरिंग का निर्माण करवा लेते हैं. ऐसा करने से घर में चोरी-चकारी होने की संभावना बढ़ जाती है. इस तरह के घर में जो महिलाएं रहती हैं उनका मन बहुत चंचल होता है. वे बहुत ही कम समय के लिए घर में टिक पाती हैं.
इसके अलावा कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो उत्तरमुखी जमीन में पश्चिम दिशा में अधिक खाली स्थान होने पर उसे ज्यों का त्यों छोड़ देते हैं. इस तरह के घर में रहने वाले पुरुषों को शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक परेशानी से गुजरना पड़ता है. साथ ही यदि गंदे पानी की निकासी एवं सैप्टिक टैंक उत्तरमुखी घर में दक्षिण दिशा में रखें हों तो, वास्तु के मुताबिक इसे भी अनुकूल नहीं माना जाता. ऐसा करने से परिवार की स्त्रियां हमेशा कष्ट में रहती हैं. आज हम आपको उत्तरमुखी घर से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं.
ध्यान रखें उत्तरमुखी घर से जुड़ी ये खास बातें
– घर की शांति बनाये रखने के लिए उत्तर दिशा घर के मध्य भाग से हमेशा नीचा होना चाहिए.
– घर की उत्तर दिशा में यदि गेस्ट रूम या फिर पूजा घर बनाया जाए तो इसे शुभ माना जाता है.
– उत्तर दिशा में किचन बनवाने से घर में सुख शांति बनी रहती है.
– यदि आप चाहते हैं कि घर के सदस्यों के बीच प्यार बना रहे तो उत्तर दिशा में कोई भी टूटी हुई दीवार नहीं होनी चाहिए. दीवार में दरार को भी अशुभ माना गया है.
– हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में भूमिगत वाटर टैंक बनवाएं. इससे घर में जो रह रहे हैं उन्हें धन संचय करने में मदद मिलती है.
– उत्तर दिशा में टॉयलेट या फिर बाथरूम बनाने से बचें.
– कोशिश करें उत्तर दिशा की ओर टेरेस को ओपन रखें. इससे सकरात्मक उर्जा का संचार होता है.
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