वकील की ड्रेस में इस अंदाज में किया विकास दुबे के एक ओर साथी ने सरेंडर, एक लाख का था इनाम
बिकरू कांड के फरार आरोपी एक-एक करके अपना आत्मसमर्पण कर रहे हैं। मंगलवार को भी इस केस के एक आरोपी ने कोर्ट में सरेंडर किया है। जिसका नाम धर्मेंद्र दुबे उर्फ धीरु है। धर्मेंद्र दुबे ने बेहद ही फिल्मी अंदाज में कल कोर्ट में अपना आत्मसमर्पण किया है। दरअसल इस अपराधी ने अपना आत्मसमर्पण करने के लिए वकील का वेश धारण किया था। ताकि पुलिस इसे पकड़ ना सके। हालांकि एसटीएफ की टीम को इस बात की जानकारी लग गई थी कि धर्मेंद्र दुबे कोर्ट में आत्मसमर्पण करने वाला है। इसलिए एसटीएफ ने धर्मेंद्र दुबे को कोर्ट के परिसर से पकड़ने की कोशिश भी की थी। लेकिन कोर्ट के वकीलों के विरोध के कारण एसटीएफ इसे पकड़ ना सकी।
एक लाख रुपए का था इनाम
धर्मेंद्र दुबे पर पुलिस की और से एक लाख रुपए का इनाम रखा गया था और ये बिकरू कांड के बाद से ही फरार था। धर्मेंद्र दुबे को विकास दुबे का खास व्यक्ति माना जाता है। इसपर आरोप है कि इसने भी विकास दुबे के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाई थी और कांड के बाद से ये फरार था।
एसटीएफ टीम को दी चेतावनी
धर्मेंद्र दुबे अपने अधिवक्ता के साथ वकील की ड्रेस पहनकर कोर्ट आया था। वहीं सटीएफ टीम कोर्ट के बाहर ही इसे पकड़ने के लिए खड़ी थी। जैसे ही सटीएफ टीम ने इसे पहचान लिया। तो इसे पकड़ने की कोशिश की गई। जिससे कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। परिसर में मौजूद अधिवक्ताओं ने इसका विरोध किया। साथ में ही वकीलों ने कोर्ट में इसकी शिकायत भी कर दी। ये शिकायत जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार, पूर्व अध्यक्ष रमेश पांडेय, अवधेश शुक्ला, खुर्शीद अहमद ने सीजेएम विनय कुमार से गई। इस शिकायत पर कोर्ट ने एसटीएफ टीम के एसआई विजय दर्शन, विनय कुमार, सिपाही विष्णु पाल, शमशाद अली और कानपुर स्वाट टीम प्रभारी दिनेश सिंह से तलब किया और इस हरकत पर कड़ी चेतावनी दी। साथ में ही भविष्य में ऐसा न करने को कहा। जबकि कोर्ट ने आरोपी धर्मेंद्र को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
गौरतलब है कि बिकरू गांव में दो जुलाई की रात पुलिसकर्मियों पर विकास दुबे और उसके बदमाशों ने हमला किया था। इन अपराधियों ने पुलिस पर गोलियां चलाई थी। जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। वहीं इस घटना के बाद से सभी आरोपी फरार थे।
यूपी पुलिस इस केस के कई सारे आरोपियों का एनकाउंटर कर चुकी है और बचे हुए आरोपियों की तलाश की जा रही है। पुलिस की और से किए जा रहे एनकाउंटर के कारण ही छुपे हुए आरोपी अब अपना आत्मसमर्पण कर रहे हैं। ताकि उनका एनकाउंटर ना किया जाए।
विकास दुबे का भी किया था एनकाउंटर
इस केस के मुख्य आरोपी विकास दुबे का यूपी पुलिस एनकाउंटर कर चुकी है। विकास दुबे की और से भी आत्मसमर्पण किया गया था। लेकिन उज्जैन से कानुपर लाते समय बीच रास्ते में ही विकास दुबे का एनकाउंटर कर दिया गया था। विकास दुबे पर भी 1 लाख रुपए का इनाम रखा गया है और ये इस कांड का मास्टरमाइंड था।