MS Dhoni Retirement: क्यों रिटायरमेंट के लिए धोनी ने 15 अगस्त को ही चुना, वजह है बेहद खास
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 16 वर्षों तक टीम इंडिया में सेवा देने के बाद संन्यास ले लिया है। न केवल एक बल्लेबाज के तौर पर, बल्कि विकेटकीपर के रूप में भी उन्होंने अपने देश का नाम रोशन किया। धोनी, जिनका दिमाग मैदान पर कंप्यूटर से भी तेज चलता है, वे हर परिस्थिति में कूल रहते हुए देखे गए। यही कारण है कि नाम भी इनका कैप्टन कूल पड़ गया।
महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा तो जरूर कहा, लेकिन इसके लिए उन्होंने 15 अगस्त यानी कि भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस को चुना। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर धोनी ने अपने संन्यास के लिए 15 अगस्त की तारीख का ही चुनाव क्यों किया? इतना बड़ा ऐलान स्वतंत्रता दिवस के दिन करने के पीछे क्या वजह रही? देखा जाए तो इस सवाल का जवाब देना इतना भी मुश्किल नहीं है। अपने पहले प्यार की खातिर उन्होंने ऐसा किया है।
एक क्रिकेटर के तौर पर महेंद्र सिंह धोनी का दिल हमेशा ही हिंदुस्तान के लिए धड़का है। अपने देश की सेवा वे हमेशा करना चाहते हैं। अपने करियर के बारे में कई बार धोनी पहले भी कह चुके हैं कि उनका पहला प्यार राष्ट्र सेवा ही है। शायद यही कारण है कि भारतीय क्रिकेट के अलावा वे भारतीय सेना से भी जुड़े रहे हैं। धोनी कई मौकों पर यह साबित कर चुके हैं कि देश उनके परिवार से भी उनके लिए पहले है।
नहीं लौटे थे स्वदेश
वर्ष 2015 में ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड में खेले गए वर्ल्ड कप के दौरान महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम की अगुवाई कर रहे थे। अपनी पत्नी साक्षी के प्रेग्नेंट होने के बावजूद धोनी न केवल वर्ल्ड कप खेलने चले गए थे, बल्कि वर्ल्ड कप के बीच में पिता बनने की खबर मिलने के बावजूद वे अपने देश की खातिर घर नहीं लौटे। उन्होंने कहा था कि देश इस वक्त मेरे लिए ज्यादा जरूरी है। बाकी चीजें तो इंतजार कर सकती हैं।
भारत ने जब 2011 में क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था तो इसके बाद धोनी को भारतीय सेना ने लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक से नवाजा था। धोनी ने कहा था कि यदि वे क्रिकेटर नहीं होते तो निश्चित तौर पर एक सैनिक होते। लेफ्टिनेंट कर्नल बनने के बाद महेंद्र सिंह धोनी ने पैराट्रूपर ट्रेनिंग भी ली थी। इसके अलावा पिछले वर्ष वे विक्टर फोर्स से भी जुड़े थे।
टीम इंडिया जब वर्ष 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज खेल रही थी तो रांची में एक दिवसीय मैच के दौरान भारतीय टीम ने आर्मी कैप पहनकर मैच खेला था। सेना के सम्मान के साथ पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए टीम इंडिया ने ऐसा किया था। उस वक्त धोनी के साथ पूरी टीम ने शहीदों के परिवारों को अपनी मैच फीस दान में दे दी थी।
पद्म भूषण प्राप्त करने के दौरान
भारतीय क्रिकेट के इस महान खिलाड़ी को जब वर्ष 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था, तब भी उन्होंने आर्मी की वर्दी में ही यह सम्मान हासिल किया था। इसके बारे में उन्होंने कहा था कि यूनिफॉर्म में यह सम्मान हासिल करना खुशी को दोगुना करने वाला है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वर्दी में रहकर देश की सेवा करने वालों के हम आभारी हैं, जिनकी कुर्बानी के कारण ही हमारी खुशियां बरकरार हैं। इस तरह से देश महेंद्र सिंह धोनी का पहला प्यार है और अपने इसी पहले प्यार की खातिर उन्होंने देश की आजादी के मौके यानी कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया।
धोनी के नाम अनोखे रिकॉर्ड्स
महेंद्र सिंह धोनी के नाम वनडे क्रिकेट में सबसे अधिक बार नॉट आउट रहने का रिकॉर्ड है। वे 350 वनडे मैचों की 296 पारियों में 84 बार नाबाद रहे हैं। सबसे तेज स्टंपिंग करने का रिकॉर्ड भी धोनी के नाम रहा है। वर्ष 2018 में वेस्टइंडीज के बल्लेबाज कीमो पॉल को धोनी ने रविंद्र जडेजा की बॉल पर केवल 0.08 सेकंड में स्टंप आउट कर दिया था।
विकेटकीपर के तौर पर वनडे में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर भी धोनी ने ही बनाया है। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ वर्ष 2005 में जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में खेले गए वनडे मैच में नाबाद 183 रन बनाए थे। कैप्टन कूल के नाम आईसीसी की सभी ट्रॉफी जीतने का रिकॉर्ड है। वे दुनिया के इकलौते कप्तान हैं, जिन्होंने 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी, वर्ष 2007 में T-20 वर्ल्ड कप और वर्ष 2011 में वनडे वर्ल्ड कप की ट्रॉफी देश के लिए जीती थी।
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