7 महीने पहले BCCI के इस फैसले से फिक्स हो गया था धोनी का रिटायरमेंट!
74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर महेंद्र सिंह धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी, इसके बाद उनके चाहने वालों के बीच निराशा की लहर दौड़ गई। दरअसल, धोनी के फैंस उन्हें कुछ और समय तक मैदान में खेलते देखना चाहते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। हालांकि धोनी आईपीएल खेलते रहेंगे, लेकिन अब उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में कभी विकेट के पीछे या हेलीकॉप्टर शॉट मारते नही देखा जा सकेगा। बहरहाल धोनी के संन्यास की खबर तो हर किसी को पता है, लेकिन यहां हम आपको ऐसी जानकारी दे रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आपको पता होगा।
महेंद्र सिंह धोनी ने भले ही 15 अगस्त को संन्यास की घोषणा की हो, लेकिन इसकी पटकथा 7 महीने पहले ही लिखी जा चुकी थी। दरअसल, 7 महीने पहले यानी 16 जनवरी के दिन बीसीसीआई की तरफ से एक ऐसा फैसला लिया गया था, जिससे साफ हो गया था कि अब इंडियन टीम में धोनी की वापसी मुश्किल ही होगी। और जिस बात का डर उनके फैंस को था, अब वही हो गया है। खैर, अभी तो आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर 7 महीने पहले कैसे धोनी के संन्यास की पटकथा लिखी गयी थी? तो चलिए हम आपको बताते हैं कि 16 जनवरी 2020 को क्या कुछ हुआ था?
16 जनवरी को बीसीसीआई ने लिया था बड़ा फैसला
एमएस धोनी की संन्यास की उलटी गिनती 16 जनवरी को ही शुरू हो गई थी। दरअसल, 16 जनवरी को बीसीसीआई ने नए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का ऐलान किया था, जिसमें धोनी को जगह नहीं मिली थी। इसी दिन से ही धोनी के संन्यास को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। याद दिला दें कि बीसीसीआई ने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में 27 खिलाड़ियों को जगह दी थी, मगर कैप्टन कूल को इससे बाहर कर दिया गया था। इतना ही नहीं, टीम सेलेक्शन के बाद चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा था, ‘हम आगे बढ़ चुके हैं और हम अपने विचारों में साफ हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि विश्वकप के बाद से ही तस्वीर साफ हो गई थी।
ऋषभ पन्त का खुलकर किया था समर्थन
मुख्य चयनकर्ता प्रसाद ने उस दिन ऋषभ पंत का खुलकर समर्थन किया था। दरअसल, उन्होंने कहा था कि ऋषभ पंत काफी अच्छा खेल रहे हैं, जिन्हें देखकर हम खुश हैं। उनका यह बयान सुनकर हर किसी के मन में यही बात आने लगी थी कि शायद अब धोनी को क्रिकेट के मैदान में देखना मुश्किल होगा। याद दिला दें कि धोनी ने अपना आखिरी वनडे मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में खेला था, जिसमें उनके रन आउट होने के साथ ही भारत की जीत की उम्मीदें समाप्त हो गई थी और मैदान में धोनी को पहली दफा रोते हुए देखा गया था, जिससे क्रिकेट फैंस टूट कर बिखर गए थे।
बताते चलें कि ऋषभ पंत को टीम इंडिया में धोनी की जगह ही देखा जाता है। इतना ही नहीं, उनसे धोनी जैसे ही खेल की भी उम्मीद की जाती है, मगर बार बार वे फैंस को निराश करते हैं। खैर, अब उम्मीद यही है कि ऋषभ पंत पर जो भरोसा जताया गया है, वो उस पर खरे उतरें।