पत्नी अंजलि ने यूं बदल दी गूगल CEO सुन्दर पिचाई की किस्मत, बड़ी फिल्मी है इनकी लव स्टोरी
सुंदर पिचाई का नाम भला आज कौन नहीं जानता। वे गूगल के CEO हैं। चेन्नई के एक छोटे से फ्लैट में रहने वाले सुंदर पिचाई ने अपनी जिंदगी में यदि इतनी दूर तक का सफर तय किया है तो यह उनकी मेहनत, उनके संघर्ष में निरंतरता, उनके धैर्य और अपने हमसफर पर उनके भरोसे का नतीजा है।
सुंदर पिचाई की प्रोफेशनल जिंदगी कैसी है, इसके बारे में तो बहुत से लोगों को जानकारी है, लेकिन यदि बात उनकी व्यक्तिगत जिंदगी की करें तो इसके बारे में शायद ही ज्यादा लोगों को मालूम हो। यहां हम आपको सुंदर पिचाई और उनकी पत्नी अंजलि पिचाई की लव स्टोरी के बारे में बता रहे हैं, जो कि किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है।
सुंदर पिचाई का बचपन
सुंदर पिचाई जिनका जन्म 10 जून, 1972 को हुआ था और जिनके पिता एक ब्रिटिश कंपनी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और मां स्टेनोग्राफर थीं। उनकी जिंदगी बचपन में अभाव में बीती। उनके घर में न टीवी था। न ही उनके पिता के पास कार थी। चीजों की जो कद्र करना उन्होंने बचपन में सीखा, पत्नी अंजलि के भी जिंदगी में आने के बाद उन्होंने इसे जारी रखा और आज भी वे साधारण जिंदगी बिताते हैं।
फिल्मी थी लव स्टोरी
आईआईटी खड़गपुर में सुंदर पिचाई और अंजलि दोनों अलग-अलग जगह से आकर एडमिशन लेते हैं। दोनों एक ही बैच में होते हैं। मुलाकात होने लगती है। मिलने-जुलने का दौर बढ़ने लगता है। एक-दूसरे के साथ समय बिताते-बिताते दोनों में प्यार हो जाता है और पढ़ाई के तीसरे साल मे सुंदर पिचाई अंजलि से अपने प्रेम का इजहार कर देते हैं। अंजली भी सुंदर पिचाई को अपने जीवनसाथी के रूप में अपनाने के लिए तैयार हो जाती हैं।
सुंदर पिचाई ने खुद बताया था कि सरोजिनी नायडू गर्ल्स हॉस्टल से अंजलि को बुलाना बहुत ही कठिन होता था, क्योंकि कोई जाकर उसे आवाज लगाकर कहता था कि सुंदर बाहर खड़ा है। यह दोनों को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था। स्मार्टफोन तो था नहीं कि फोन या मैसेज करके बुला लेते।
कॉलेज खत्म हुआ तो दोनों के बीच दूरियां आईं। सुंदर पिचाई आगे की पढ़ाई के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका चले गए। आर्थिक रूप से तो मजबूर थे नहीं कि रोज फोन पर अंजलि से बात कर सकते। 6 महीने तक दोनों की एक-दूसरे से बात नहीं हुई। फिर भी रिश्ते की डोर मजबूत थी। ख्वाबों में दोनों का मिलना होता था। 6 महीने बाद भी दोनों का रिश्ता बिना किसी फोन या मैसेज के जुड़ा रहा।
फिर अंजलि भी अमेरिका पहुंच गईं। एक सेमीकंडक्टर कंपनी में सुंदर नौकरी करने लगे थे। अब समय बीतने लगा, तो दोनों ने शादी करने का फैसला किया। बिल्कुल फिल्मी कहानी के मुताबिक सुंदर ने कहा कि बिना परिवार वालों की मर्जी के शादी करेंगे नहीं। अंजलि के परिवार वालों से उन्होंने सहमति मांगी। वे तैयार हो गए। दोनों की इस तरह से शादी हो गई। सात फेरे दोनों ने ले लिए। साथ जीने-मरने की कसमें खा लीं। अमेरिका की नागरिकता लेकर दोनों वहीं रहने लगे।
पत्नी की वो सलाह
ऐसा माना जाता है कि सुंदर की कामयाबी में उनकी पत्नी अंजलि का हाथ रहा। वह इसलिए कि उन्होंने एक महत्वपूर्ण सलाह अपने पति को दी थी और उनके पति सुंदर ने इसे मान लिया था। दरअसल, माइक्रोसॉफ्ट ने सुंदर को सीईओ पद का ऑफर दिया था, जिसे सुंदर स्वीकार करने के लिए गूगल की नौकरी छोड़ने जा रहे थे, लेकिन अंजलि ने उन्हें ऐसा न करने की सलाह दी थी। सुंदर ने इसे मान लिया था। उसका परिणाम आज हर किसी के सामने है। याहू और ट्विटर तक ने सुंदर पिचाई को बड़ा ऑफर दिया था।
आज के समय में ये दोनों सैन फ्रांसिस्को के लॉस एल्टॉस हिल्स में खुशी-खुशी जिंदगी बता रहे हैं। इनके घर को स्वैट मियर्स आर्किटेक्चरल ग्रुप के रॉबर्ट स्वैट ने बड़े ही लाजवाब तरीके से तैयार किया है। इनके दो बच्चे हैं। बेटी का नाम काव्या और बेटे का नाम किरन है। इतनी दौलत और शोहरत होते हुए भी ये बड़ी ही साधारण जिंदगी बिता रहे हैं।
सुंदर पिचाई की जिंदगी जहां यह सिखाती है कि मेहनत और संघर्ष का जिंदगी में कोई विकल्प नहीं है, वहीं सुंदर पिचाई और उनकी पत्नी अंजलि पिचाई की लव स्टोरी यह संदेश देती है कि जिंदगी में यदि हमसफर एक-दूसरे का साथ दें तो बड़ी से बड़ी मंजिल तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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