राम जी के बाद अब गौतम बुद्ध को भारतीय कहने पर नेपाल हुआ नाराज, कहा – भगवान बुद्ध भी हैं नेपाली
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के भगवान बुद्ध को लेकर दिए गए बयान पर नेपाली की प्रतिक्रिया आई है और नेपाल देश ने भगवान बुद्ध को नेपाली बताया है। इससे पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भगवान राम को नेपाली बताया था और कहा था कि उनका नाता नेपाल देश से था और वो नेपाली थे। वहीं अब नेपाल ने भगवान बुद्ध को नेपाली बताया है।
गलत तरह से पेश किया गया बयान
दरअसल विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को एक वेबिनार के दौरान बयान देते हुए कहा था कि भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी दो ऐसे भारतीय महापुरुष हैं, जिन्हें दुनिया हमेशा याद रखती है। लेकिन एस जयशंकर के इस बयान को नेपाली मीडिया में गलत तरह से पेश किया गया और कहा गया कि जयशंकर ने बुद्ध को भारतीय बताया है। इस मामले में नेपाल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि ये सच है कि बौद्ध धर्म नेपाल से निकलकर पूरी दुनिया में फैल है। ये मामला संदेह और विवाद से परे है। ये बहस का विषय नहीं है, पूरा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इससे अवगत है।
It is a well-established and undeniable fact proven by historical & archaeological evidence that Gautam Buddha was born in Lumbini, Nepal. Lumbini, the birthplace of Buddha and the fountain of Buddhism, is one of the UNESCO world heritage sites: Ministry of Foreign Affairs, Nepal pic.twitter.com/hooD5856hO
— ANI (@ANI) August 9, 2020
जयशंकर के बयान के बाद नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये ऐतिहासिक और पुरातात्विक साक्ष्यों से सिद्ध और सुस्थापित तथ्य है कि गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी, नेपाल में हुआ था। लुंबिनी, बुद्ध का जन्मस्थान, बौद्ध धर्म का उद्गम स्थल है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक है। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वर्ष 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नेपाल यात्रा के दौरान नेपाल की संसद में कहा था कि नेपाल वो देश है, जहां विश्व में शांति का प्रतीक बुद्ध का जन्म हुआ था।
भारत की और से आई ये प्रतिक्रिया
नेपाल के इस बयान के बाद रविवार को भारत की और से भी प्रतिक्रिया आई और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि शनिवार को एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री की टिप्पणी ‘हमारी साझा बौद्ध विरासत के बारे में थी।’ उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि गौतम बुद्ध का जन्म लुम्बिनी में हुआ था, जो नेपाल में है।’
गौरतलब है कि कुछ महीनों से नेपाल भारत के साथ विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहा है। नेपाल के पीएम ने इसे पहले एक बयान देते हुए राम भगवान को नेपाली कहा था। इन्होंने बयान दिया था कि हमारा हमेशा से ही मानना रहा है कि हमने राजकुमार राम को सीता दी। लेकिन, हमने भगवान राम भी दिए। हमने राम अयोध्या से दिए, लेकिन भारत से नहीं। उन्होंने कहा कि अयोध्या काठमांडू से 135 किलोमीटर दूर बीरगंज का एक छोटा सा गांव थोरी था। हमारा सांस्कृतिक दमन किया गया और तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया है।
ओली ने कहा था कि जिस अयोध्या का दावा भारत के उत्तर प्रदेश में किया जाता है, वहां से सीता से विवाह करने भगवान राम जनकपुर कैसे आए? उस समय कोई फोन नहीं थे फिर उन्होंने संवाद कैसे किया? उस दौरान विवाह केवल पास के राज्यों में होते थे। कोई भी शादी करने के लिए इतनी दूर नहीं जाता था?