धारा 370 और राम मंदिर का वादा पूरा, अब जानिए क्या होगा मोदी सरकार का अगला कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 5 अगस्त को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर की आधारशिला रख दी। इस तरीके से सैकड़ों वर्ष पुराना सपना साकार हो गया। हालांकि, इस बड़े राजनीतिक लक्ष्य को साधने के बाद भी ऐसे कई राजनीतिक लक्ष्य अब भी साधे जाने बाकी हैं जो कि भाजपा के एजेंडे में शामिल रहे हैं।
आजादी की लड़ाई के दौरान कांग्रेस ने देश में अपने पैर इस कदर जमा लिए कि आजादी के बाद भी हिंदू महासभा और जनसंघ के लिए देश में अपनी पैठ बनाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण रहा। इसके बावजूद इनकी कोशिशें जारी रहीं। धारा 370 को हटाना तो भाजपा के एजेंडे में जनसंघ के समय से ही शामिल रहा था।
धारा 370 काफी नहीं
भाजपा को मालूम था कि सत्ता में काबिज होने के लिए केवल धारा 370 से काम नहीं चलेगा। ऐसे में राम मंदिर आंदोलन को भी उसने अपने एजेंडे में शामिल कर लिया। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जब तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया तो भारतीय जनता पार्टी ने इसे भी अपने मूल एजेंडे का हिस्सा बना लिया।
वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा ने जिस तरह से प्रचंड बहुमत हासिल किया है, उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि सहयोगी दलों पर अब भाजपा की निर्भरता बहुत हद तक घट गई है। लोकसभा के साथ राज्यसभा में भी भाजपा के लिए अब अकेले दम पर कई बड़े बिलों को पास कराना मुमकिन हो गया है। बीते 5 वर्षों में सरकार ने जिस तरह से काम किया है, उसके आधार पर भाजपा अपने मूल एजेंडे पर लौट सकती है।
धारा 370 को कश्मीर से हटाकर भाजपा सरकार ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने एक निशान, एक विधान, एक संविधान को साकार कर दिया। भाजपा ने 1989 के पालमपुर अधिवेशन में राम मंदिर को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल कर लिया था। उस दौर में राम मंदिर आंदोलन ने भाजपा को संजीवनी देने का भी काम किया था। सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भाजपा सरकार ने आखिरकार अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास कर दिया। इसके 2024 से पहले तैयार हो जाने की भी संभावना है।
मूल एजेंडे की ओर
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लाकर भी भाजपा सरकार दिखा चुकी है कि उसने अपने मूल एजेंडे की ओर लौटना शुरू कर दिया है। आने वाले समय में कॉमन सिविल कोड, जनसंख्या नियंत्रण कानून और एनआरसी पर भी सरकार काम करते हुए नजर आ सकती है।
जिस तरीके से मोदी सरकार के फैसलों के पक्ष में जनता खड़ी नजर आ रही है, वैसे में इस बात की पूरी संभावना है कि इन मुद्दों पर भी भाजपा सरकार अपने कार्यकाल के पूरा होने से पहले काम जरूर करेगी। केवल राम मंदिर निर्माण से ही भाजपा का लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता। उन सभी मुद्दों को भाजपा सरकार को सुलझा देना है, जिनकी वजह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अपनी जड़ें समाज में जमाने में बाधा महसूस हो रही है।
ये हो सकता है अगला कदम
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना भाजपा सरकार का अगला बड़ा कदम हो सकता है। यह बात ध्यान देने वाली है कि प्रधानमंत्री मोदी के राम मंदिर की आधारशिला रखने से पहले ही बहुत से लोगों ने मथुरा और काशी की भी बात करनी शुरू कर दी थी। संघ प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के शिलान्यास के बाद नए भारत के निर्माण की भी बात कही है। यह नया भारत कैसा होगा, इसके बारे में फिलहाल तो नहीं बताया गया है। संघ की आशाओं के अनुरूप यदि यह होता है तो इसे मूर्त रूप देना भाजपा सरकार के लिए चुनौतियों से भरा तो जरूर होगा।
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