जानें इस बार 11 और 12 अगस्त में से किस तारीख को मनाया जाएगा जन्माष्टमी पर्व व इसका शुभ मुहूर्त
जन्माष्टमी (Janmashtami 2020) के दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है और कृष्ण जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हर साल जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद महीने की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। हालांकि इस साल ये तिथि कब आ रही है। इसको लेकर दो तारीखों के बीच मतभेद हो रहा हैं। दरअसल पंचांगों में 11 और 12 अगस्त को जन्माष्टमी बताई गई है। कुछ लोगों के अनुसार इस साल ये पर्व 11 अगस्त के दिन मनाया जाएगा। जबकि कुछ लोग इसे 12 अगस्त के दिन मनाए जाने की बात कहे रहे हैं। ऐसे में यही सवाल उठ रहा है कि आखिर ये पर्व किस दिन आ रहा है।
जानें किस तारीख को है जन्माष्टमी
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, 12 अगस्त को जन्माष्टमी मानना श्रेष्ठ है और मथुरा और द्वारिका में 12 अगस्त को ही ये पर्व मनाया जाएगा। जबकि जगन्नाथ पुरी, काशी और उज्जैन में 11 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। भगवान कृष्ण जी की जन्म भूमि मथुरा है और यहां पर ये पर्व 12 अगस्त को मनाया जा रहा है। इसलिए इस पर्व को 12 तारीख को मनाना श्रेष्ठ माना जा रहा है।
श्रीमद्भागवत दशम स्कंध में कृष्ण जन्म का उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि जिस समय पृथ्वी पर अर्धरात्रि में भगवान कृष्ण अवतरित हुए थे उस समय ब्रज में घनघोर बादल छाए हुए थे। लेकिन चंद्रदेव की रोशनी तेज थी। आज भी कृष्ण जन्म के समय अर्धरात्रि में चंद्रमा उदय होता है और बेहद चमकता है।
जन्माष्टमी का मुहूर्त
जन्माष्टमी पर राहुकाल दोपहर 12:27 बजे से 02:06 बजे तक रहेगा। इस बार कृतिका नक्षत्र रहेगा और उसके बाद रोहिणी नक्षत्र शुरू होगा जाएगा। जो कि 13 अगस्त तक रहेगा। इस हिसाब से पूजा का शुभ समय रात 12 बजकर 5 मिनट से शुरू हो जाएगा जो कि 12 बजकर 47 मिनट तक का होगा। इसलिए आप इस मुहूर्त के दौरान ही भगवान कृष्ण जी की पूजा करें।
इस तरह से करें पूजा
जन्माष्टमी के दिन शुभ मुहूर्त में कृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाएं। इस हेतु आप सबसे पहले भगवान कृष्ण की मूर्ति का अभिषेक करें। अभिषेक करने के लिए शंख में पंचामृत डालें और इसे मूर्ति पर अर्पित कर दें। इसके बाद कृष्ण जी को जल से साफ करे लें। अब आप इन्हें सुंदर वस्त्र पहनाएं। साथ में ही मोर पंख भी जरूर अर्पित करें। ये करने के बाद माखन और मिश्री का भोग लगाएं। कृष्ण जी के भजनों को गाएं और उल्लास के साथ जश्न मनाएं।
रखा जाता है व्रत
कई लोगों द्वारा इस दिन व्रत भी रखा जाता है। इसलिए आप चाहें तो इस दिन व्रत भी कर सकते हैं। व्रत रखने पर आप केवल फल और दूध का ही सेवन करें। वहीं व्रत रखने के लिए आप सुबह स्नान कर कृष्ण जी की पूजा करें और व्रत रखने का संकल्प धारण करें। उसके बाद पूरे दिन भगवान कृष्ण जी की भक्ती करें। वहीं रात को भगवान कृष्णा जी का अभिषेक करें। वहीं अगले दिन सुबह उठकर स्नान करें और पूजा घर को साफ कर लें। उसके बाद भगवान कृष्ण जी का पूजन कर अपने व्रत को तोड़ लें। हो सके तो आप खीर का दान भी करें।