चंद्रयान-2 को लेकर फिर से जागी उम्मीद, वैज्ञानिक ने रोवक प्रज्ञान को लेकर किया ऐसा दिलचस्प दावा
चंद्रयान-2 मिशन को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को एक अच्छी खबर मिली है, जो कि चंद्रयान-2 के रोवर से जुड़ी हुई है। इस खबर से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को एक नई उम्मीद मिली है। दरअसल पिछले साल नासा की मदद से भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी को रोवक प्रज्ञान का मलबा खोजने में मदद मिली थी। नासा की इन तस्वीरों का इस्तेमाल कर रोवक प्रज्ञान चांद पर कहा गिरा था ये पता लगाया जा सका था। वहीं अब इन तस्वीरों की मदद से चेन्नई के वैज्ञानिक शनमुग सुब्रमण्यन ने दावा किया है कि रोवर प्रज्ञान कुछ मीटर आगे बढ़ा है।
पिछले साल नासा की और से खींची गई तस्वीरों का इस्तेमाल कर रोवर के मलबे की पहचान करने वाले चेन्नई के वैज्ञानिक शनमुग सुब्रमण्यन के अनुसार नासा की नई तस्वीरों से प्रज्ञान के कुछ मीटर आगे बढ़ने के संकेत मिले हैं। वैज्ञानिक शनमुग सुब्रमण्यन की और से भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी को एक ईमेल भेजकर ये दावा किया गया है। वहीं इस खबर की पुष्टि खुद इसरो प्रमुख के.सिवन ने भी की है। हालांकि इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा है कि हमें इस बारे में नासा से कोई जानकारी नहीं मिली है। लेकिन जिस व्यक्ति ने विक्रम के मलबे की पहचान की थी। उसने इस बारे में ईमेल किया है।
इसरो वैज्ञानिक कर रहे हैं जांच
Chandrayaan2’s Pragyan “ROVER” intact on Moon’s surface & has rolled out few metres from the skeleton Vikram lander whose payloads got disintegrated due to rough landing | More details in below tweets @isro #Chandrayaan2 #VikramLander #PragyanRover (1/4) pic.twitter.com/iKSHntsK1f
— Shan (Shanmuga Subramanian) (@Ramanean) August 1, 2020
के. सिवन के अनुसार हमारे विशेषज्ञ इस मामले को देख रहे हैं और अभी हम इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं। वहीं शनमुग सुब्रमण्यन ने जो मेल भेजा है उसमें कहा गया है कि 4 जनवरी की तस्वीर से लगता है कि प्रज्ञान अखंड बचा हुआ है और ये लैंडर से कुछ मीटर आगे भी बढ़ा है। हमें ये जानने की जरूरत है कि रोवर कैसे सक्रिय हुआ है। उम्मीद करता हूं कि इसरो इसकी पुष्टि जल्दी करेगा।
पूरी तरह से सफल नहीं हो सका था मिशन
गौरतलब है कि जुलाई महीने में चंद्रयान-2 को चांद पर भेजा गया था। इस दौरान रोवक प्रज्ञान की लैंडिंग चांद की सतह पर करवाने की कोशिश की गई थी। लेकिन ये लैंडिंग पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई थी। जिसके कारण चांद्रयान-2 मिशन पूरी तरह से सफल नहीं हो सका था। आखिरी मौके पर ही रोवक प्रज्ञान से संपर्क टूट गया था। जिसके चलते इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल सकी थी। इस मिशन के कुछ महीनों बाद रोवक प्रज्ञान ने कहां लैंडिंग की थी। इसका पता तस्वीरों की मदद से लगाया गया था। वहीं अब दावा है कि रोवक प्रज्ञान में थोड़ी हलचल देखी गई है।
चंद्रयान-3 मिशन की हो रही है तैयारी
चंद्रयान-2 मिशन के असफल होने के बाद चंद्रयान-3 मिशन की तैयारी भी की जा रही है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की ये एक महत्वाकांक्षी आगामी योजना है और इसके तहत 2021 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र का पता लगाने के लिए एक चंद्र रोवर और लैंडर भेजा जाना हैं। हालांकि कोरोना वायरस के कारण इस योजना में थोड़ी देर हो सकती है।