शादी के 14 साल बाद पिता बने थे अमर सिंह, अपने पीछे छोड़ गए हैं इतनी संपत्ति
यूपी की राजनीति के कद्दावर नेता अमर सिंह का लंबी बीमारी के बाद 64 वर्ष की उम्र में निधन हो गया और इसी के साथ यूपी की राजनीति का एक अध्याय भी समाप्त हो गया। बॉलीवुड से लेकर राजनीति में अपनी गहरी पकड़ रखने वाले अमर सिंह के लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों से अच्छी दोस्ती थी। वहीं बॉलीवुड के बिग-बी कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन के साथ उनकी दोस्ती भी जगजाहिर है। ऐसे में उनके निधन से राजनीतिक गलियारों से लेकर बॉलीवुड जगत में शोक की लहर है।
यूपी के आजमगढ़ में हुआ जन्म
सियासत के माहिर खिलाड़ी अमर सिंह का जन्म 27 जनवरी 1956 को यूपी के आजमगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम हरीश चंद्र सिंह और माता का नाम शैल कुमारी सिंह। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई सेंट जेवियर कॉलेज से पूरी की और फिर कोलकाता यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री हासिल की। साल 1987 में उनकी शादी पंकजा कुमारी से हुई, लेकिन वे 14 साल बाद पिता बने। साल 2001 में उनकी जुड़वा बेटियां हुईं। जिनका नाम दृष्टि और दिशा है।
करोड़ों के मालिक हैं अमर सिंह
राजनीतिक गलियारों में चाणक्य के नाम से पुकारे जाने वाले अमर सिंह ने साल 2016 में जब राज्यसभा के लिए नामांकन भरा था, तो उस समय उन्होंने खुलासा किया था कि दोनों बेटियों के नाम करीब 12 लाख रूपए जमा किए हैं। अमर सिंह की संपत्ति की बात करें, तो उनकी कुल संपत्ति 131 करोड़ रूपए से भी अधिक की है। चुनावी नामांकन में अपने संपत्ति के ब्यौरे में अमर सिंह ने बताया था कि उनके पास 24 लाख रूपए की चांदी के बर्तन है।
विवादों से रहा गहरा नाता
एक वक्त था, जब अमर सिंह समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी थे। वहीं उनके राजनीतिक करियर में विवादों का नाता काफी गहरा रहा है। अमर सिंह अपने अकेले के प्रभाव से कई राजनीतिक घटनाओं की दिशा दूसरी तरफ मोड़ देने के लिए जाने जाते थे। वे हमेशा विवादों से घिरे रहते थे, मगर कभी सवालों से पीछे नहीं हटते थे। एक बार उन्होंने वोट के बदले नोट का नारा दे दिया था, इसके बाद वो बड़ी मुसीबत में फंस गए थे। हालांकि इस मामले में उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का काफी बेबाकी से जवाब दिया।
1996 से हुई राजनीतिक पारी की शुरूआत
अमर सिंह सक्रिय राजनीति में साल 1996 में आए, जब वो पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए। राज्यसभा के सांसद रहते हुए अमर सिंह संसद की कई समितियों का हिस्सा रहे। वहीं राजनीति में अमर और मुलायम की दोस्ती काफी प्रसिद्ध है, लेकिन एक वक्त में उनके रिश्ते अपनी ही पार्टियों के नेताओं से बिगड़ने लगे थे। इनमें आजम खान का नाम प्रमुख है। आजम खान से अमर सिंह का गहरा विवाद था। कुछ ही समय पहले सिंह ने आजम खान पर आरोप लगाया था कि आजम खान ने मेरी बेटियों पर एसिड अटैक की साजिश रची है।
सपा से अलग होकर बनाई नई पार्टी
वे यूपी से राज्यसभा सांसद थे, हालांकि बीमारी की वजह से राजानीतिक और सामाजिक जीवन से काफी दूर चले गए थे। लेकिन ट्विटर पर लगातार अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते रहते थे। समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह से अलग होने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय लोकमंच नाम से एक पार्टी भी बनाई, इस पार्टी ने उत्तर प्रदेश के चुनावों में भाग लिया लेकिन सीट जीतने में नाकाम रही। अमर सिंह विवादों से जरूर घिरे रहते थे, लेकिन वो सभी पार्टियों की जरूरत बने रहे यही वजह है कि उन्हें राजनीतिक गलियारों में संकटमोचक के नाम से भी जाना जाता है।