कभी पार्टी और शादियों में गाना गाते थे सोनू निगम, इतने कड़े संघर्ष के बाद बने सबसे महंगे गायक
सोनू निगम लेजेंडरी सिंगर मोहम्मद रफी को अपना आदर्श मानते हैं और बचपन में वो उन्हीं के गाने गाते थे
30 जुलाई 1973 को हरियाणा के फरीदाबाद में जन्में गायक सोनू निगम आज अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं। फरीदाबाद की गलियों से लेकर बॉलीवुड तक का सफर सोनू निगम ने बड़ी मुश्किलों से तय किया है। सोनू जब छोटे थे तभी से वो संगीत में रुचि रखते थे। उन्हें ये कला अपने पिता से विरासत में मिली थी। आज सोनू प्लेबैक सिंगर्स की लिस्ट में भले ही टॉप पर हों, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब वो शादियों में गाना गाया करते थे। आज उनके जन्मदिन के मौके पर आपको बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।
पिता के साथ शादियों में गाना गाते थे सोनू
कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं और ऐसा ही कुछ सोनू निगम के साथ था। महज 4 साल की उम्र में ही सोनू निगम अपने पिता अगम निगम के साथ स्टेज शो, पार्टियों और शादियों में गाना गाने लगे थे। इतनी छोटी सी उम्र में ही उन्होंने अपने हुनर को पहचान लिया था और लोगों को उनका संगीत पसंद भी आता था। सोनू के पिता भी अच्छे गायक थे। सोनू निगम आज कई गायकों की प्रेरणा हैं, लेकिन उनकी प्रेरणा हमेशा से लेजेंडरी सिंगर मोहम्मद रफी थे। स्टेज पर सोनू अक्सर मोहम्मद रफी के गाने गाया करते थे।
सोनू की गायकी देखकर उनके पिता समझ गए थे कि वो सिर्फ स्टेज और शादियों तक ही सीमित नहीं रह सकते। ऐसे में 18 साल की उम्र में उनके पिता अगम सोनू को लेकर मुंबई पहुंचे ताकी सोनू एक बॉलीवुड सिंगर बन पाए। इस दौरान सोनू ने उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान से संगीत का प्रशिक्षण लिया। हालांकि बॉलीवुड में सिंगर बनना इतना आसान नहीं था इसलिए सोनू लगातार स्टेज शो करते रहे।
गुलशन कुमार से मुलाकात ने बदली किस्मत
इन्हीं संघर्षों के बीच सोनू को सिंगिंग रियलिटी शो ‘सारेगामा’ होस्ट करने का मौका मिला। इस शो से सोनू को बड़ी पहचान मिली। सोनू लोगों की नजर में आने लगे थे और इसी बीच उनकी मुलाकात टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार से हुई। गुलशन कुमार खुद जमीन से उठकर एक स्टार बने थे और ऐसे में वो हमेशा नए टैलेंट को मौका देते थे। उन्होंने सोनू की आवाज सुनी और फिल्म ‘बेवफा सनम’ में गाने का मौका दिया। इस फिल्म का गाना ‘अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का’….जबरदस्त हिट हुआ और यहां से सोनू निगम के लिए बॉलीवुड के दरवाजे खुल गए।
इसके बाद फिल्म ‘मुकाबला’, ‘शबनम’, ‘आग’, ‘हलचल’ में गाने गाकर सोनू ने और सफलता हासिल की। 1997 में आई फिल्म ‘बॉर्डर’ में गाया उनका गाना ‘संदेशे आते हैं…’ जबरदस्त हिट हुआ और सोनू पूरे देश के फेवरेट सिंगर बन गए। सोनू ने हिंदी के अलाव अंग्रेजी, कन्नड़, बंगाली, उड़िया, पंजाबी नेपाली, मराठी कई भाषाओं में गाने गए। उन्होंने बतौर प्लेबैक सिंगर आईफा, फिल्मफेयर, एमटीवी और जीमा अवॉर्ड्स जीते। फिल्म ‘कल हो ना हो’ के टाइटल ट्रैक के लिए सोनू ने राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता। इसके अलावा सोनू ने टीवी शो ‘दिल मिल गए’ का टाइटल ट्रैक भी गया और फैंस के दिलों पर राज किया।
जबरदस्त गायकी से लोगों के दिलों पर किया राज
सोनू बतौर गायक सुपरहिट हो चुके थे और इसके बाद उन्होंने फिल्मों में अभिनय करने का मन बनाया। सोनू ने फिल्म ‘लव इन नेपाल’ से बॉलीवुड में बतौर एक्टर डेब्यू किया। इसके बाद ‘वो प्यारा दुश्मन’, ‘जानी दुश्मन’, ‘काश आप हमारे होते’ जैसी कई फिल्मों में । नजर आए। हालांकि इन सारी फिल्मों मे सोनू की एक्टिंग दर्शकों को पसंद नहीं आई। सोनू को जनता ने बतौर सिगंर जितना पसंद किया उतना एक एक्टर के तौर पर वो लोगो को पसंद नहीं आए।
सोनू ने 90 के दशक के अंतिम साल से 2000 के पहले दशक तक अपनी गायकी से हर किसी को अपना दीवाना बनाया। फिल्मों के अलावा उनके एलबम सॉन्ग भी जबरदस्त हिट हुए। इसमें ‘दीवाना तेरा’, ‘बिजुरिया’ जैसे गाने दर्शकों को खूब पसंद आए। इसके बाद भी सोनू गाने गाते रहे। हालांकि पिछले कई सालों से उनके गाने काफी कम हो गए हैं। अब सोनू ज्यादातर अपने विवादित बयानों के चलते ही सुर्खियों में रहते हैं। हालांकि फैंस सोनू की गायकी पसंद करते हैं और जब भी उनका कोई नया गाना रिलीज होता है तो वो फैंस को काफी पसंद आता है।