हाईकोर्ट भी एंटी रोमियो दल के पक्ष में, ठहराया इसे एक सही फैसला!
उत्तर प्रदेश में गठित किए गए एंटी रोमियो दल के खिलाफ दायर की गयी अपील को इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने खारिज कर दिया है। खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस द्वारा जारी दिशानिर्देशों को सही ठहराया है। न्यायालय ने इसका पालन कानून के दायरे में रहकर करने की हिदायत देते हुए यह भी कहा कि पुलिस को ध्यान रखना होगा कि कोई बेकसूर इसकी वजह से परेशानी में ना पड़े।
योगी के अभियान को दी गयी थी चुनौती:
न्यायालय ने यह भी कहा कि आम जनता के अनुपात में प्रदेश सरकार को पुलिस बलों की भर्ती भी करनी चाहिए। आदित्यनाथ योगी की एंटी रोमियो अभियान को याचिका दायर करके चुनौती दी गयी थी। दायर की गयी याचिका में यह कहा गया था कि पुलिस बल इस अभियान का दुरूपयोग करके किसी को भी बेवजह परेशान कर रहे हैं। पुलिस द्वारा कुछ निर्दोष लोगों को भी प्रताड़ित किया जा रहा है और उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
महिला सुरक्षा के लिहाज से है सही कदम:
राज्य सरकार के मुख्य स्थाई अधिवक्ता मंसूर अहमद ने सरकार का पक्ष रखते हुए अदालत से कहा कि एंटी रोमियो के लिए जारी किया गया सर्कुलर जो पुलिस महानिदेशक ने जारी किया था बिल्कुल उचित है। महिला सुरक्षा के लिहाज से यह बिलकुल सही कदम है। इससे आम जनता के अन्दर सुरक्षा की भावना बढ़ेगी। आपको बता दें कि यह आदेश न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप शाही और न्यायमूर्ति संजय हरकौली की खंडपीठ ने गौरव गुप्ता की दायर की गयी जनहित याचिका पर दिया।
न्यायालय ने साफ शब्दों में कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस का सर्कुलर बिल्कुल ठीक है बस इसका पालन कानून के दायरे में रहकर करने की जरूरत है। न्यायालय ने याचिका पर फैसला सुनाते वक्त सबसे पहले मनु स्मृति का जिक्र करते हुए कहा कि जहां नारियों का सम्मान होता है, वहीं देवता वास करते हैं। इसलिए प्रदेश सरकार का यह कदम उचित है और दायर की गयी याचिका को खारिज कर दिया गया।