सास शर्मिला के साथ अकेले नहीं रह पाती थीं अमृता, किए थे ऐसे खुलासे जिससे कई बहुएं होंगी सहमत
सैफ अली खान और अमृता सिंह की शादी की जितनी चर्चा हुई थी उतने ही किस्से तलाक के बाद सामने आए थे। अमृता और सैफ आज अलग हो चुके हैं, लेकिन बच्चे सारा और इब्राहिम अपने मां-पापा दोनों से जुड़े हुए हैं। बच्चे भले ही अपने पिता से मिलने जाते हों, लेकिन अमृता पटौदी पैलेस के किसी भी सदस्य से संबंध नहीं रखती हैं। जब अमृता और सैफ एक साथ थे तो सारे रिश्तों में मिठास थी, लेकिन दोनों के अलग होते ही रिश्तों में कड़वाहट घूल गई। अमृता ने तलाक के बाद सैफ और अपने ससुराल वालों को लेकर कई राज खोले थे जिससे हर कोई हैरान रह गया था। उन्होंने बताया था कि उनकी सास शर्मिला का बर्ताव उनके साथ कड़वा था। ऐसी स्थिति से अक्सर कई बहुएं गुजरती हैं।
सास शर्मिला से दूर रहना चाहती थीं अमृता
अमृता ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो सैफ से हमेशा कहती थीं कि उन्हें सास शर्मिला के साथ एक कमरे में अकेले ना छोड़ा करें। उनका कहना था कि वो जब भी सास के साथ होती थी ये उनके लिए तनावपूर्ण होता था। ये बात सिर्फ पटौदी पैलेस या फिर किसी बॉलीवुड स्टार के घर की नहीं है। ऐसा नॉर्मल घरों में अक्सर देखने सुनने को मिल जाता है। अक्सर सामान्य घरो में भी सास और बहू का साथ रहना मुश्किल होता है।
कई बार सास के बिना कुछ कड़वा बोले भी उनका कड़वा व्यवहार और कोल्ड एटीट्यूड समझ आ जाता है। बहुओं को अक्सर अपनी सास से ये ही शिकायत रहती है कि उन्हें घर में लाकर भी घर का सदस्य नहीं समझा जाता है। बहुओं को लगने लगता है कि उन्हें घर में कैद कर दिया गया है। ऐसे में वो मानसिक तनाव का शिकार होने लगती हैं। आपको बताते हैं उन स्थितियों के बारे में जिससे अक्सर बहुएं गुजरती है।
बहू को ना स्वीकारना
हर किसी की जिंदगी में ये स्थिति अलग वजह से आ सकती है। हालांकि शर्मिला के लिए अमृता को ना स्वीकारने की कई वजह थी। कहा जाता है कि अमृता सैफ से उम्र में 12 साल बड़ी हैं और शर्मिला को ये बात नहीं पसंद थी। वहीं अमृता से शादी करने का फैसला सैफ ने अकेले लिया था और घर पर किसी को इस बात की जानकारी नहीं दी थी। ये ही वजह थी कि शर्मिला कभी भी अमृता को बहू नहीं मान सकीं।
पति को करना चाहिए य़े काम
अक्सर सास बहू की लड़ाई से बचने के लिए लड़के खुद को दोनों तरफ से दूर कर लेते हैं। ये किसी समस्या का समाधान नहीं है। लड़के का काम है कि वो पति बनकर पत्नी का साथ दे और फिर बेटा बनकर मां की भी सुने। जब मां और पत्नी को उनकी बात सुनने और समझने वाला इंसान मिलेगा तो आपसी तनाव को कम करने में उन्हें मदद मिलेगी।
अधिकार छीन जाने का डर
अक्सर मां को लगता है कि बहू के आते ही बेटा दूर चला गया है। वहीं बहू को लगता है कि पति मां की ही सुनता है। इसके चलते सास और बहू एक दूसरे से चिढ़ने लगती हैं। सास को लगता है कि घर में आई नई बहू उनसे उनका अधिकार छीन रही है। जिस घर में ऐसी स्थिति बनती है वहां लड़ाई होना और अलग रहना निश्चित हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए बात करना जरुरी है। सास और बहू एक दूसरे से जितना बात करेंगी उतना ही एक दूसरे को समझ पाएंगी।