आर्थिक तंगी के कारण 4 महीने की बच्ची को 45 हजार में बेच रहा था मजदूर, लेकिन पहुँच गयी पुलिस और.
कोरोना वायरस के कारण हर देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है और कई सारे लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। कोरोना वायरस से छोटे तबके के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं और इनके पास कोई भी रोजगार नहीं बचा है। वहीं रोजगार ना होने के कारण कई सारे लोग गलत रास्तों को चुन रहे हैं और पैसे कमाने के लिए अपने बच्चों तक का सौदा कर रहे हैं। हाल ही में कोरोना वायरस के कारण रोजगार चले जाने पर एक मजदूर ने अपनी बेटी का सौदा कर दिया। हालांकि पुलिस बच्ची को बचाने में कामयाब हुई और अब बच्ची एनजीओ के लोगों के पास है। ये घटना असम के कोकराझार की है।
लॉकडाउन के दौरान चली गई थी नौकरी
लॉकडाउन के कारण कोकराझार में रहने वाले एक प्रवासी मजदूर की नौकरी चली गई थी। जिसके बाद परिवार के खर्चे को उठाने के लिए और पैसों की तंगी दूर करने के लिए इस मजदूर ने अपनी बेटी का सौदा कर दिया और अपनी 4 महीने की बच्ची को बेच दिया। हालांकि पुलिस ने बच्ची को बचा लिया है और अब बच्ची सुरक्षित हाथों में है। साथ में ही पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
45,000 रुपये में किया सौदा
इस मजदूर ने अपनी 4 महीने की बच्ची का सौदा 45,000 रुपये में किया था। पुलिस के अनुसार कोकराझार के तोंतुला मंदारिया गांव में रहने वाले दीपक ब्रह्मा प्रवासी मजदूर है और वो गुजरात में मजदूरी करता था। वहीं लॉकडाउन लगने के बाद ये अपने गांव वापस आ गया। लॉकडाउन के समय में उसकी नौकरी चली गई थी। साथ में ही दीपक के पास जितने भी पैसे थे वो खत्म हो गए थे। ऐसे में परिवार का खर्चा उठाने के लिए इसने अपनी बच्ची को बेच दिया। दीपक ने अपनी महसूम बच्ची का सौदा 45,000 रुपये में किया। इस मामले में दीपक के परिवार वालों का कहना है कि बिना पैसे और नौकरी के परिवार का खर्चा उठाना कठिन था। ऐसे में उनके सामने बच्ची को बेचने का ही रास्ता था।
इस तरह से बचाया बच्ची को
दीपक और उसके परिवार वालों ने बच्ची का सौदा कर दिया था। लेकिन गांव वालों की मदद से बच्ची को बचाया जा सका। गांव वालों ने इस बात की खबर तुरंत कोकराझार पुलिस और एक एनजीओ को दे दी। जिसके बाद पुलिस ने बच्ची को बचा लिया। साथ में ही पुलिस ने बच्ची के मां-पिता के सहित तीन आरोपियों को पकड़ लिया है। वहीं बच्ची अब एनजीओ के लोगों के पास है।
कोरोना काल में ये पहला ऐसा मामला नहीं है जहां पर किसी बच्चे का सौदा किया गया हो। इससे पहले भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां पर एक मजदूर ने पैसों की तंगी के कारण अपने बच्चे का सौदा कर दिया था। हालांकि पुलिस और एनजीओ की मदद से बच्चे को बचाया जा सका था। ये मामला तेलंगाना के वारंगल का था। यहां पर रहने वाले एक मजदूर दंपती ने अपने दो महीने के बच्चे को 22 हजार रुपये में बेचने की कोशिश की।