भारत की बुलेट ट्रेन परियोजना से चीन के उड़े होश, भारत से कही ये बातें ..!
भारत जल्द से जल्द बुलेट ट्रेन परियोजना शुरू करना चाहता है। इस काम में जापान भारत की मदद कर रहा है, लेकिन यह बात चीन को नागवार गुजर रही है। केवल यही नहीं चीन की सरकारी मीडिया ने चीन से बुलेट ट्रेन के लिए मदद ना लेने पर चेतावनी भरे लहजे में यह कहा कि भारत के लिए यह कदम हितकारी नहीं होगा। बेशक भारत ने अपनी पहली बुलेट ट्रेन के लिए जापान से मदद ली है, लेकिन आने वाले समय में द्रुत रेल परियोजनाओं के लिए उसे हमारी मदद लेनी चाहिए।
जापान को चुना पहले भागीदार के रूप में:
चीन के सरकारी ग्लोबल टाइम में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि भारत अपनी पहली द्रुत रेल परियोजना में अपने भागीदार के रूप में जापान को चुना है। वह हमारे प्रति सतर्क रह रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में बुलेट ट्रेन परियोजना 2018 से शुरू होने की उम्मीद है। लेख में यह कहा गया है कि भारत की अन्य परियोजनाओं से चीन को अलग रखना भारत के हित में नहीं है। असलियत यह है कि भारत को जितनी चीन की जरूरत नहीं है, उससे ज्यादा चीन को भारत की जरूरत है।
दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है भारत में:
अखबार में प्रकाशित सम्पादकीय की मानें तो भारत दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क वाला देश है और यह फिलहाल सप्लाई की समस्या से जूझ रहा है। इस समय भारत के कई रेलवे इंजिनियर चीन में ट्रेनिंग ले रहे हैं। ऐसे में यह साफ है कि भारत को चीन काफी मदद कर सकता है। स्टील रेल विनिर्माण और ट्रेल प्रौद्योगिकी में भारत को चीन की बहुत ज्यादा जरूरत है।
जापान उपलब्ध करवा रहा है ब्याज पर पैसा:
मुंबई-अहमदाबाद का 508 किलोमीटर का द्रुत गति रेल गलियारा देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना होगी। उम्मीद है कि 2023 में यह बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगी। इस बुलेट ट्रेन के आ जाने के बाद दो महत्वपूर्ण शहरों के बीच की दूरी 9 घंटे से कम होकर केवल 3 घंटे की हो जाएगी। इस बुलेट ट्रेन परियोजना में कुल 97,636 करोड़ रूपये खर्च होने की सम्भावना है। जापान पूरे पैसे का 81 प्रतिशत पैसा कम ब्याज दर पर भारत को उपलब्ध करवा रहा है।