बेहद ही अनोखा है जैसलमेर का ये मंदिर, सुहागरात से पहले यहां आकर करनी पड़ती है पूजा
जैसलमेर का खेतपाल मंदिर बेहद ही अनोखा मंदिर है। राजस्थान राज्य में बना ये मंदिर खेतपाल महाराज को समर्पित है और शादी के बाद जोड़े इस मंदिर में आकर खेतपाल महाराज का आशीवार्द जरूर लेते हैं। खेतपाल महाराज की पूजा करने के बाद ही नवविवाहित जोड़े अपना वैवाहिक जीवन शुरू करते हैं। हर साल यहां पर हजारों की संख्या में नवदंपत्ति आते हैं और अपना सूत्र बंधन खेतपाल महाराज के सामने खोलते हैं।
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में आकर खेतपाल महाराज के सामने सूत्र बंधन खोलने के बाद ही नवदंपत्ति अपने आगे का जीवन शुरू कर सकते हैं। हालांकि अगर कोई नवदंपत्ति किसी कारण से मंदिर नहीं आ पाता है, तो उसके परिवार वाले यहां आकर पूजा करते हैं या फिर शादी के समय एक नारियल अलग से रख देते हैं और बाद में ये नारियल मंदिर में चढ़ा देते हैं।
मान्यता है कि अगर शादी के बाद जोड़े यहां आकर पूजा करते हैं और खेतपाल महाराज का आशीर्वाद लेते हैं। तो उनकी शादी में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती है और जीवन खुशियों से भर जाता है।
अर्धांगिनी के बिना नहीं की जाती पूजा
इस मंदिर की प्रथा के अनुसार यहां पर केवल जोड़ों में ही पूजा की जा सकती है। बिना अर्धांगिनी या पति के कोई भी मंदिर में आकर पूजा नहीं कर सकता है।
करते हैं शहर की रक्षा
जैसलमेर के लोगों का माना है कि खेतपाल महाराज जैसलमेर शहर के रक्षक हैं और उनके होते हुए इस शहर को कुछ भी नहीं हो सकता है। खेतपाल महाराज ने कई बार इस शहर को बुरी आपदा से बचाया है। शहर में रहने वाले हर व्यक्ति की रक्षा खेतपाल महाराज करते हैं। इसलिए लोग यहां जाकर इनका आभार प्रकट करते हैं। यहां के स्थानीय निवासी इन्हें क्षेत्रपाल और भैरव के नाम से भी पुकारते हैं।
मंदिर से जुड़ी कथा
स्थानीय लोगों के अनुसार प्राचीन काल में सिंध से 7 बहनें यहां पर आई थी। ये सभी 7 बहनें देवियों का रूप थी और जैसलमेर में आकर ये कोने-कोने में विराजमान हो गई हैं। वहीं खेतपाल महाराज इनके भाई हैं। जोकि इनकी रक्षा करते हैं।
महिला पुजारिन करती हैं पूजा
इस मंदिर में कोई भी पुजारी नहीं है और मंदिर में पूजा का काम महिला पुजारिन करती है। जो कि इस मंदिर को देश के अन्य मंदिरों से अलग बनाता है। खेतपाल महाराज के मंदिर के पूजा-पाठ का जिम्मा बड़ा बाग के स्थानीय माली की महिलाओं पर होता है और यहीं मंदिर की जिम्मेदारी संभालती हैं।
हर जाति और धर्म के आते हैं लोग
ये मंदिर जैसलमेर का प्रसिद्ध मंदिर है और इस मंदिर में हर जाति और धर्म के लोग आकर पूजा करते हैं। हिंदुओं के अलावा इस मंदिर में मुस्लिम धर्म के लोग भी आते हैं और खेतपाल महाराज का आशीर्वाद लेते हैं।
पहले इस मंदिर में बलि दी जाती थी। लेकिन अब इस प्रथा को खत्म कर दिया गया है और मंदिर में बलि देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अगर आप जैसलमेर शहर जाते हैं तो इस मंदिर में जाकर खेतपाल महाराज का आशीर्वाद जरूर लें।