दो प्रकार का होता है त्रिखल दोष, इसके कारण दुखों से भर जाता है जीवन, जानें इसके निवारण के उपाय
वैदिक ज्योतिष में कई प्रकार के दोषों का जिक्र किया गया है और इन दोषों के कुंडली में होने से जातक के जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं। आज हम आपको वैदिक ज्योतिष में बताए गए त्रिखल दोष के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। ये दोष होने पर जातक को पूरी जिंदगी केवल कष्टों का ही सामना करना पड़ता है और वो सदा परेशान ही रहता है।
क्या होता है त्रिखल दोष
ये दोष दो तरह का होता है। पहला दोष कुंडली में बनता है। जबकि दूसरा दोष जन्म के अनुसार लगता है। जब कुंडली में एक ही ग्रह तीन परिस्थितियों में अपने कारक भाव में बैठ जाए। या सूर्य कृतिका, उत्तरा फाल्गुनी या उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में किसी का जन्म हो और सूर्य पहले या दसवें भाव में हो। तब इस दोष का निर्माण कुंडली में हो जाता है।
कई लोगों को जन्म पर ये दोष लग जाता है। अगर किसी के यहां लगातार एक ही लिंग के तीन संतान हों और उसके बाद चौथी संतान दूसरे लिंग की हो तो त्रिखल दोष लग जाता है। उदाराण के लिए तीन पुत्रियों के बाद एक पुत्र या तीन पुत्रों के बाद पुत्री का जन्म होने पर त्रिखल दोष लग जाता है। कई बार इस दोष के कारण चौथी संतान की मृत्यु भी हो जाती है या चौथी संतान का जीवन कष्टों से ही भरा रहता है। इसलिए इस दोष को नजरअंदाज ना करें और इसका उपाय जरूर करें। ताकि आपकी चौथी संतान का जीवन सुखों से भर जाए।
त्रिखल दोष होने के कारण होते हैं ये कष्ट
ये दोष लगने पर जीवन भर कष्ट रहता है। इस दोष के कारण जातक को रोग लगने का खतरा भी रहता है। उसे हमेशा कोई ना कोई परेशानी आती रहती है। चाहकर भी उसे शांति भरी जिदंगी नहीं मिल पाती है। अगर आपको को भी ये दोष है तो आप इसका निवारण जरूर करें। शास्त्रों में इस दोष के निवारण के बारे में भी बताया गया है।
इस तरह से करें इस दोष का निवारण
करें त्रिदेव की पूजा
किसी शुभ दिन धान की ढेरी पर चार कलशों की स्थापना कर दें। उसके बाद त्रिदेव और देवराज इंद्र का अच्छे से पूजन करें। ये उपाय करने से ये दोष खत्म हो जाता है। आप पूजा करने के लिए किसी पंडित का सहारा ले सकते हैं।
करें ये पाठ
जो लोग त्रिखल दोष से ग्रस्त हैं वो लोग रुद्र सूक्त और शांति सूक्त का पाठ करें। पाठ पूजा होने के बाद हवन जरूर डालें। इसके अलावा जितना हो सके वस्तुओं का दान भी गरीब लोगों को करें।
रोज चढ़ाए शिवलिंग पर जल
शिव की पूजा करने से भी ये दोष खत्म हो जाता है और जातक को हर परेशानी से मुक्ति मिल जाती है। ये दोष होने पर आप रोज शिवलिंग पर जल अर्पित करें। ऐसा करने से भोलेनाथ आपके कष्टों को दूर कर देंगे और ये दोष भी खत्म हो जाएगा।
ऊपर बताए गए उपायों को जरूर करके देखें। इनकी मदद से इस दोष से आपको मुक्ति मिल जाएगी।