सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे को जमानत मिलने पर जताई हैरानी, कहा- ये है सिस्टम की विफलता
आज से सुप्रीम कोर्ट में विकास दुबे एनकाउंटर मामले की सुनवाई शुरू हो गई है और सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने उत्तर प्रदेश सरकार से कई तरह के सवाल पूछे हैं। न्यायाधीश एस ए बोबडे ने विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर कहा है कि हैदराबाद एनकाउंटर और विकास दुबे एनकाउंटर केस में एक बड़ा अंतर है। हैदराबाद एनकाउंटर में एक बलात्कारी और हत्यारे को मारा गया था। जबकि इस केस में विकास दुबे और उसके साथी पुलिसकर्मियों के हत्यारे थे।
जमानत मिलने पर जताई आपत्ति
विकास दुबे के खिलाफ कई सारे मामले दर्ज थे। लेकिन उसके बाद भी इसे आसानी से जमानत मिल गई थी। विकास दुबे को मिलने वाली जमानत को लेकर भी एस ए बोबडे ने हैरानी जताई और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली समिति को इस मामले की जांच करने को कहा।
आखिर क्या हुआ सुनवाई के दौरान?
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यूपी सरकार की और से पक्ष रखा और मुठभेड़ को सही ठहराया। सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कहा कि सारे मुद्दों को अदालत के सामने रखा गया है। विकास दुबे के खिलाफ 65 FIR दर्ज थी और वो पैरोल पर बाहर आया था। उसने पुलिस हिरासत से भगाने की कोशिश की थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि ‘आप हमें मत बताइए कि विकास दुबे कौन था।’
वहीं यूपी डीजीपी का पक्ष हरीश साल्वे की और से रखा गया और उन्होंने कोर्ट से कहा कि ये मामला तेलंगाना मुठभेड़ से अलग है। क्या पुलिस पर अत्यधिक बल का आरोप लगाया जा सकता है, जब वो एक खूंखार अपराधी के साथ लाइव मुठभेड़ में लगी हो? इसपर सीजेआई बोबडे ने कहा कि विकास दुबे के खिलाफ मुकदमों के बारे में बताएं। आपने अपने जवाब में कहा है कि तेलंगाना में हुई मुठभेड़ और इसमें अंतर है। लेकिन आप कानून के राज को लेकर जरूर सतर्क होंगे। हैदराबाद और विकास दुबे एनकाउंटर केस में एक बड़ा अंतर है। वे एक महिला के बलात्कारी और हत्यारे थे। जबकि दुबे और उसके सहयोगी पुलिसकर्मियों के हत्यारे थे। तेलंगाना वाले मामले में आरोपी बिना हथियार के थे।
बताई सिस्टम की विफलता
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सीजेआई ने आगे कहा कि ‘हमें इस बात से हैरानी है कि इतने आपराधिक मामले दर्ज होने वाला व्यक्ति जमानत पर कैसे रिहा था। ये सिस्टम की विफलता को दर्शाता है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे को जमानत संबंधी सारे आदेश मांगे हैं। सीजेआई ने कहा कि सरकार द्वारा बनाई गई समिति में एक सेवानिवृत्त SC जज और एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी भी शामिल होंगे। जिसपर यूपी सरकार ने कहा है कि वो कल तक ये काम कर देगी।
बुधवार को होगी अगली सुनवाई
विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच अब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में गठित कमिटी करेगी। यूपी सरकार ने कहा है कि जांच कमिटी के लिए वो नोटिफिकेशन जारी करेगी। जिसमें एक रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट के जज, एक हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज और एक रिटायर्ड DGP होंगे। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई अब बुधवार को होने वाली है।
गौरतलब है कि विकास दुबे को एनकाउंटर में मारा गया था। विकास दुबे का ये एनकाउंटर उस वक्त किया गया था। जब उसे पुलिस पकड़कर कानपुर लेकर जा रही थी। इसी दौरान पुलिस की गाड़ी पलट गई थी और विकास दुबे ने भगाने की कोशिश की थी। जिसके बाद पुलिस को उसका एनकाउंटर करना पड़ा।