कोहनी अचानक से टकरा जाए तो होता है करंट सा एहसास, जाने इसकी वजह
मनुष्य का शरीर बहुत जटिल होता है। यह हड्डी, मांस, नस, रक्त, चमड़ी, तंत्रिका सहित कई चीजों से मिलकर बना होता है। हमारे शरीर में जितनी भी गतिविधियां होती हैं उनमें से अधिकतर चीजों का संबंध हमारे दिमाग से भी होता है। यह दिमाग हमारे शरीर के बाकी अंगों को अलग अलग तरह से रिएक्ट करने के लिए गाइड करता है। यदि हमे गलती से कहीं ठोकर भी लग जाए तो उसका संकेत सबसे पहले दिमाग को ही जाता है। यह दिमाग हमे संकेत देकर बताता है कि दर्द कितना बड़ा या छोटा है। शरीर के किसी भी अंग पर ठोकर लग जाए यह दर्द जरूर होता है।
कोहनी पर टक्कर लगते ही होता है करंट जैसा एहसास
लेकिन आप ने नोटिस किया होगा कि यदि हमारे हाथ की कोहनी पर गलती से ठोकर लग जाए तो तेज दर्द की बजाए एक करंट या फिर कहे झनझनाहट सी महसूस होती है। यह एक अजीब ही एहसास होता है। मतलब थोड़ा दर्द, थोड़ा करंट और कभी कभी थोड़ी हंसी वाला मिलाजुला अनुभव होता है। ऐसे में क्या आप ने कभी सोचा है कि कोहनी भी हमारे शरीर के बाकी अंगों की तरह दर्द का एहसास क्यों नहीं कराती है? आखिर इसका दर्द बाकी अंगों में लगी ठोकर से अलग क्यों होता है? आइए इस बात को जानने की कोशिश करते हैं।
कोहनी की यह हड्डी है वजह
कोहनी की जिस हड्डी के टकराते ही हमे करंट लगने की अनुभूति होती है उसे आम बोलचाल की भाषा में फनी बोन कहा जाता है। वहीं मेडिकल साइंस की भाषा में इस फनी बोन को अल्नर नर्व (तंत्रिका) कहते हैं। यह नर्व हमारी गर्दन (कॉलर बोन), कंधे और हाथों से गुजरती हुई कलाई तक जाती है। फिर यहां से ये विभाजित होकर अनामिका (रिंग फिंगर) और छोटी उंगली पर समाप्त हो जाती है।
कोहनी को टक्कर लगने पर बॉडी में यह होता है
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तंत्रिकाओं (नर्व्स) का काम दिमाग से मिले सिग्नल्स को बॉडी के बाकी पार्ट्स तक लाना और ले जाना होता है। सामान्य तौर पर अल्नर नर्व बाकी तंत्रिका तंत्र की तरह हड्डियों, मज्जा और जोड़ों के बीच सेफ रहती है। लेकिन कोहनी के केस में मामला थोड़ा अलग होता है। यह नर्व जब कोहनी से होकर गुजरती है तो यह हिस्सा सिर्फ स्किन और फैट से ढका होता है। इसलिए जब हमारी कोहनी किसी चीज से टकराती है तो सीधा इस नर्व को झटका लगता है। आसान शब्दों में कहे तो फनी बोन पर चोट लगने की वजह से अल्नर नर्व हड्डी और बाहरी चीज (जिससे वह टकराती है) के बीच दब जाती है।
अब जब यह दबाव अचानक से सीधा आपकी नर्व पर पड़ता है तो आपको तेज झनझनाहट या करंट, गुदगुदी और दर्द का मिलाजुला एहसास होता है। बस यही वजह है कि जब कोहनी किसी भी चीज से टकराती है तो हमे बड़ा अजीब महसूस होता है।
आशा करते हैं कि आपको यह दिलचस्प जानकारी पसंद आई होगी। अब आपको भी इस चीज का ज्ञान हो गया है। अगली बार आपकी कोहनी टकरा जाए तो इस ज्ञान का शो ऑफ दूसरों के सामने करना न भूले।