भारतीय छात्रों की मदद के लिए आगे आये सोनू, किर्गिज़स्तान में फंसे छात्रों को ऐसे लाएंगे स्वदेश
कोरोना संकट के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद की ओर से प्रवासी मजदूरों की बड़ी मदद की गई है. उनके लिए तो वे एक तरीके से मसीहा बनकर सामने आए हैं. मुंबई और अन्य शहरों में जो प्रवासी मजदूर, स्टूडेंट्स या अन्य लोग फंसे हुए थे, सोनू सूद की ओर से लगातार उन्हें साधन उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि वे अपने घर जा सकें. सोनू सूद ने जो यह नेक काम किया है, देशभर में उसकी सराहना हो रही है. वह अब भी लोगों की मदद करने में जुटे हुए हैं. कई लोग तो इस बात पर अड़े हुए हैं कि सोनू सूद को इस नेक पहल के लिए नोबल अवार्ड दिया जाए.
Dear students of kyrgysztan, for any info related to your rescue pls mail us on [email protected],
only EMAIL ID used for the rescue of Indian students. Beware that Team Sonu Sood is NOT CHARGING or COLLECTING ANY MONEY from you in any manner for managing this.— sonu sood (@SonuSood) July 15, 2020
इसी बीच सोनू ने एक ऐसा काम किया है, जिसकी तारीफ़ एक बार फिर लोग करने लगे हैं. सोनू के इस नए पहल की चर्चा हर तरफ हो रही है. दरअसल, इस बार सोनू ने जिम्मा लिया है कि वह किर्गिज़स्तान में फंसे हजारों भारतीय छात्रों को स्वदेस लाएंगे. सोनू ने अपने ट्विटर अकाउंट पर 15 जुलाई को एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने किर्गिज़स्तान में पढ़ाई करने गए छात्रों को रेस्क्यू कर भारत लाने की बात कही.
सोनू ने अपने ट्वीट में लिखा कि, “किर्गिज़स्तान के प्रिय छात्रों अपने रेस्कयू से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए सिर्फ [email protected] पर मेल कर करें, सिर्फ इसी इमेल आईडी को हमारे द्वारा भारतीय छात्रों के रेस्कयू के लिए प्रयोग की जा रही है. सावधान रहें कि सोनू सूद टीम इसके लिए किसी भी तरह से आपसे कोई रकम नहीं ले रही है”.
बता दें, किर्गिज़स्तान में भारतीय मूल के कई छात्र पढ़ाई करते हैं. अधिकतर छात्र वहां एमबीए और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. कोविड-19 के बढ़ते कहर को देखते हुए किर्गिज़स्तान सरकार ने निर्देश दिए हैं कि सभी छात्र अपने-अपने देश वापस लौट जाएं. कोरोना के चलते हाल ही में एक भारतीय छात्र की मौत भी हुई थी.
माता-पिता किर्गिज़स्तान में फंसे अपने बच्चों की सलामती की दुआ मांग रहे हैं. वह चाहते हैं कि उनके बच्चे सही-सलामत किसी तरह उनके पास वापस आ जाएं. भारत सरकार ने भी एक मुहीम शुरू की है ‘वंदे भारत’, जिसके तहत किर्गिज़स्तान में फंसे छात्रों को देश लाया जा रहा है. साथ ही माता-पिता सोनू सूद से भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि वे उनके बच्चों को सकुशल भारत ले आएंगे.
सोनू सूद ने हाल ही में मुंबई में फंसे उत्तराखंड के लोगों को अपने खर्चे पर चार्टड विमान से देहरादून पहुंचाया था. सोनू की इस दरियादिली पर उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी फिदा हो गए थे. सोनू के इस नेक कदम के बाद उत्तराखंड के सीएम ने न केवल सोनू सूद को इसके लिए धन्यवाद दिया था, बल्कि कोरोना वायरस संकट खत्म हो जाने के बाद उन्हें पहाड़ी राज्य में आने का आमंत्रण भी दिया था.
बता दें, जब लॉकडाउन शुरू हुआ तभी सोनू ने मन बना लिया था कि वे जरूरतमंदों को खाना बांटेंगे. उन्होंने 500 लोगों से भोजन और किराने का सामान बांटने की शुरुआत की. धीरे-धीरे यह आंकड़ा 45 हजार तक पहुंच गया. इस लिस्ट में झुग्गी बस्तियों में रहने वाले, सड़कों पर फंसे और राजमार्गों पर पैदल चलने वाले लोग शामिल हैं.
पढ़ें सोनू निगम के खुलासे से भड़कीं टी-सीरीज की मालकिन, बोली ‘अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का’