कानपुर एनकाउंटर: पुलिस मुठभेड़ में मारा गया प्रभात मिश्रा था नाबालिग, मिला यह सबूत
कानपुर के बिकरु कांड में हुई पुलिस वालों की निर्मम हत्या के बाद से रोज़ नए चौंका देने वाले मोड़ आ रहे हैं। साथ ही पुलिसिया कार्यवाही भी सवालों के घेरे में फंसती दिखाई दे रही है। ऐसा ही कुछ नया मोड़ इन दिनों भी आ रहा है, दरअसल कानपुर के गोली कांड आरोप में पकड़ने गयी पुलिस ने जिस आरोपी प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय को मुठभेड़ में मारा गिराया था। उस कार्तिकेय की जब जांच की गई तो पता चला कि वो अभी नाबालिग था। उसकी उम्र अभी महज 16 साल ही थी। बताया जा रहा है कि उसने आखरी बार फोन पर अपनी बहन से बात कि थी, जिसमें उसने कहा था कि वो नाम नहीं लेगा, मगर जहां भी है, जो भी है, सब ठीक है। बस इतना बोलने के बाद ही फोन कट गया था।
पुलिस मुठभेड़ में मारा गया प्रभात मिश्रा था नाबालिग
गौरतलब है कि छापेमारी करते हुए पुलिस ने फरीदाबाद से प्रभात, अंकित और श्रवण नाम के युवकों को गिरफ्तार किया था। वहीं पुलिस की माने तो उनके अनुसार वहां से लौटते वक्त पनकी क्षेत्र में गाड़ी पंचर हो गई थी। मौके का फायदा उठा कर प्रभात एक दरोगा की पिस्टल लूटकर भागने की कोशिश करने लगा। वहीं जब पुलिस ने उनका पीछा किया तो उसने उन पर गोली भी चलाई थी। मजबूरन पुलिस को जवाबी कार्यवाही करनी पड़ी जिसमें अपराधी प्रभात मिश्र मारा गया। उसकी जब दसवीं की मार्कशीट और आधार कार्ड सार्वजनिक हुए तो पता चला कि उसकी जन्मतिथि 27 मई 2004 है। इस लिहाज से वो अभी मात्र 16 साल का ही था।
पढ़ाई में अव्वल था प्रभात मिश्रा
बता दें प्रभात पर अभी तक कोई भी केस दर्ज नहीं था। इसके अलावा प्रभात पढ़ाई में भी अव्वल था। हाई स्कूल में उसे A ग्रेड मिला था। वहीं उसने हिंदी में 82 और अंग्रेजी में 83 अंक अर्जित किये थे। परिवार वालों का कहना है कि वो प्रत्येक कक्षा में इसी तरह से नम्बर लाता था। वहीं आस-पास वालों ने उसके व्यवहार की तारीफ की है, सबका यही कहना है कि जब उन्होंने इस जघन्य गोली कांड में जब प्रभात का नाम सुना तो उन्हें इस बात पर यकीन ही नहीं हुआ। उनके अनुसार प्रभात आपराधिक व्यवहार वाला युवक नहीं था।
दधिबल तिवारी होंगे केस के नए इंचार्ज
बिकरू गांव में हुए गोली कांड जिसमें आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने का आरोप दर्ज है, इस पूरे मामले की जांच एसएसपी दिनेश कुमार पी ने मंगलवार को बदल दी है। अब इस केस को रेलबाजार इंस्पेक्टर दधिबल तिवारी को सौंप दिया गया है। गौरतलब है कि अभी तक यह जांच नवाबगंज इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी के हाथों में थी।
बता दें कि बिकरु गांव के गोली कांड में पुलिस ने करीब एक दर्जन धाराओं में केस दर्ज किया है। इन धाराओं में हत्या, लूट, हत्या का प्रयास, दंगे जैसे अपराध शामिल है। इस केस को अभी तक इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी हैंडल कर रहे थे। मगर विकास दुबे के साथ हुई मुठभेड़ में इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी घायल हो गए थे और अब वे अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं दूसरी और मुठभेड़ में वे दूसरी पार्टी है, इसलिए इस केस को दधिबल तिवारी को सौंप दिया गया है।