तिरुपति में लोग कर रहे 500-1000 के बंद नोटों का दान, जमा हुए 50 करोड़, सरकार से मांगी मदद
देश में नोटबंदी हुए चार साल हो गए हैं। लेकिन आज भी 500 और 1000 के नोटों का इस्तेमाल किया जा रहा है और लोग इन नोटों का दान मंदिर में कर रहे हैं। आंध्रप्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में करीब 50 करोड़ के पुराने नोट पिछले कुछ महीनों में दान किए गए हैं। जिसके बाद मंदिर के प्रशासन ने सरकार से अनुरोध किया है कि वो इन नोटों को बदल दें। हाल ही में तिरुपति मंदिर ट्रस्ट के चेयरमैन वाईवी सुब्बारेड्डी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर इन पुराने नोटों को बदलने की गुजारिश उनसे की है। हालांकि, मंदिर प्रशासन इस मुलाकात को लेकर अभी चुप है। पीआरओ टी रवि के मुताबिक इस मामले में कोई जानकारी जाहिर करने के लिए ट्रस्ट की ओर से अनुमित नहीं दी गई है।
दान में आई कमी
कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था। लॉकडाउन लगाने की वजह से मंदिरों को बंद करना पड़ा था। जिसके कारण तिरुपति मंदिर भी कई महीनों तक बंद रहा था। मंदिर बंद रहने के कारण दान में भारी कमी आई है। 11 जून से मंदिर खुलने के बाद से एक महीने में लगभग 17 करोड़ का दान ही मंदिर को मिला है। कोरोना से पहले आने वाले दान का ये 10 प्रतिशत भी नहीं है।
दान में आई भारी कमी को दूर करने के लिए मंदिर के ट्रस्ट ने पहले दान में आए 500 और 1000 के पुराने नोटों को बदले की गुजारिश सरकार से की है। मंदिर के ट्रस्ट के अनुसार अगर सरकार ये नोट बदल लेती है, तो मंदिर को आर्थिक राहत पहुंच सकती है। मंदिर के अनुसार ये पुराने नोट नवंबर 2016 की नोटबंदी के बाद से आए हैं। नोट बदलने की सभी समय सीमा खत्म हो जाने के बाद इन्हें दान किया गया था। जिसके कारण उस समय मंदिर इन नोटों को बदलाव नहीं सका था।
मंदिर से जुड़े सूत्रों के अनुसार ये नोट एक लंबे समय से दान में दिए जा रहे थे। जिनको अलग से रखा जा रहा था। लेकिन अब ये नोट काफी इकट्ठा हो गए हैं। लॉकडाउन के कारण इसे लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया था। वहीं अब मंदिर के ट्रस्ट का माना है कि अगर सरकार इन नोटों के बदले नए नोट उन्हें दे दे तो ये मंदिर के लिए काफी राहत भरा हो सकता है।
गौरतलब है कि नवंबर 2016 में नोटबंदी की गई थी और 500 और 1000 के नोटों को बंद कर दिया गया था। नोट बंदी के बाद देश में 500 और 2 हजार के नए नोट आए थे।
फर्जी वेबसाइट्स के खिलाफ दर्ज की थी एफआईआर
हाल ही में मंदिर ट्रस्ट की और से करीब 20 वेबसाइट्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इन वेबसाइट्स के जरिए लोगों से मंदिर के नाम पर पैसे वसूले जा रहे थे। तिरुपति ट्रस्ट के नाम से चल रही ये वेबसाइट्स दर्शन टिकट्स से लेकर होटल बुकिंग्स जैसे कामों के लिए श्रद्धालुओं से पैसे लिया करती थी।
आपको बता दें कि आंध्रप्रदेश का तिरुपति बालाजी मंदिर दुनिया का सबसे अमीर मंदिर है। इस मंदिर में हर साल खूब पैसे चढ़ावे के तौर में चढ़ाए जाते हैं।