5 साल की मासूम बच्ची के लिए पुलिस वाले बने मसीहा, हार्ट सर्जरी के लिए जुटाए 5 लाख रुपये
देशभर में कोरोना वायरस की वजह से लॉक डाउन चल रहा है, और इसी बीच देश के कई हिस्सों से कोरोना वॉरियर्स से जुड़ी हुई बहुत सी खबरें सुनने को मिल रही है। जिसको जानने के बाद इंसानियत पर भरोसा और अधिक मजबूत हो जाता है। एक ऐसा ही मामला तमिलनाडु के चेन्नई का है। दरअसल, एक 5 साल की छोटी बच्ची जिंदगी और मौत से जूझ रही थी। डॉक्टरों ने कहा था कि ओपन हार्ट सर्जरी करनी होगी। बच्ची के इलाज की चिंता में परिजन दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो रहे थे। उनको कोई भी रास्ता नजर नहीं आ रहा था। ऐसे में उनके पड़ोस में रहने वाले एक हेड कॉन्स्टेबल भगवान का रूप बनकर सामने आए। इन्होंने अपने थाने के इंस्पेक्टर के साथ मिलकर उस बच्ची की ओपन हार्ट सर्जरी के लिए ₹5 लाख रुपये जुटाए।
लॉकडाउन की वजह से आर्थिक स्थिति हो गई थी खराब
हम आपको जिस मासूम बच्ची के बारे में जानकारी दे रहे हैं, इसका नाम कविष्का है। जिसकी उम्र 5 वर्ष की है। इसके पिताजी का नाम कार्तिक है। यह शहर की इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान में सेल्समैन का काम करते हैं। कविष्का जन्म के समय से ही डेक्स्ट्रोकार्डिया सहित कई दिल की समस्याओं से ग्रस्त थी। लॉकडाउन के कारण इस बच्ची के पिता की भी आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी। इनका परिवार गुडुवनचेरी रहता है। कविष्का 3 एंजियोग्राम से गुजर चुकी थी और यह लगातार दवाइयों का सेवन कर रही थी। लगातार परिजन इसका इलाज करवा रहे थे। हाल ही में एक चेकअप के दौरान डॉक्टर्स ने इस बच्ची की बिगड़ती तबीयत को देखकर यह कहा था कि इसको एक और एंजियोग्राम की आवश्यकता है। वैसे ही लॉकडाउन के कारण बच्ची के पिता कार्तिक की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही थी। ऐसे में वह अपनी बेटी के इलाज की डेट आगे बढ़ाते जा रहे थे।
2 साल पहले कॉन्स्टेबल पी सेंथिल कुमार कार्तिक के पड़ोसी बने थे
बता दें कि 2 वर्ष पहले बच्ची के पिता कार्तिक के पड़ोस में नंदांबक्कम पुलिस स्टेशन के हेड कांस्टेबल पी सेंथिल कुमार रहने आए थे। जब इनको इस बच्ची के हालातों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई, तब इन्होंने सबसे पहले ₹30000 रुपये की व्यवस्था करके बच्ची के इलाज के लिए दिया।
साथ मिलकर पैसों का किया इंतजाम
पिता कार्तिक की चिंता बेटी कविष्का की सेहत को लेकर दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी। कविष्का की सेहत में लगातार गिरावट देखकर डॉक्टर्स ने कहा कि एक ब्लॉक को निकालने के लिए तुरंत ओपन हार्ट सर्जरी करानी पड़ेगी, जिसके लिए ₹5 लाख रुपये लगेंगे। कॉन्स्टेबल सेंथिल कुमार ने बताया कि बच्ची के इलाज के लिए पिता कार्तिक सहायता मांगने में संकोच कर रहे थे। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि बच्ची की हालत बहुत ही खराब है। जब मुझे इस बारे में पता लगा तो मैंने तुरंत ही अपने स्टेशन के इंस्पेक्टर एम थंगराज से संपर्क करके इस विषय में बातचीत की। इन्होंने पुलिस स्टेशन के सभी कर्मियों की सहायता से ₹45000 रुपये की धनराशि एकत्रित की, इसके बाद इन्होंने नंदांबक्कम एक प्राइवेट हॉस्पिटल से संपर्क किया करके, बच्ची की सर्जरी की डेट फिक्स की थी। बाकी के पैसों का इंतजाम इन्होंने अपनी जान-पहचान के व्यक्तियों से किया था।
इंस्पेक्टर थंगराज ने कहा, करें जरूरतमंद लोगों की सहायता
नंदांबक्कम के इंस्पेक्टर एम थंगराज ने यह कहा कि “मैं खुश हूं कि हम एक बच्चे की जिंदगी बचा सके। मुझे उम्मीद है कि यह देखकर बाकी लोग भी जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए आगे आएंगे।” आपको बता दें कि इस बच्ची की सर्जरी 01 जुलाई को हुई थी। 7 घंटे की लंबी सर्जरी के पश्चात इस बच्ची को शनिवार के दिन हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई थी।