BJP में नहीं होंगे सचिन पायलट शामिल, बना सकते हैं खुद की ‘कांग्रेस प्रगतिशील पार्टी’- सूत्र
कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) जल्द ही कांग्रेस पार्टी से अलग हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि ये पार्टी से अलग होने के बाद खुद की नई पार्टी का गठन कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार सचिन पायलट के पास कई विधायकों का समर्थन है और ये बीजेपी नेताओं के संपर्क में भी हैं। लेकिन सचिन पायलट बीजेपी में शामिल नहीं होंगे। सचिन पायलट बीजेपी में शामिल होने की जगह खुद की ही पार्टी बनाने पर विचार कर रहे हैं और बाहर से बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं।
‘प्रगतिशील कांग्रेस’ रख सकते हैं नाम
कांग्रेस से अलग होने के बाद सचिन पायलट अपने विधायकों के साथ मिलकर पार्टी बनाएंगे और इस पार्टी का नाम ‘प्रगतिशील कांग्रेस’ रख सकते हैं। बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच ही सचिन पायलट की और से ये प्रतिक्रिया आई है। सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट ने आलाकमान के सामने अपनी कुछ मांगें रखी थीं। जिसको कांग्रेस पार्टी की और से नहीं माना गया है।
किया था 30 विधायक होने का दावा
राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कल संकेत दिया था कि वो पार्टी से अलग हो सकते हैं और उनके पास पार्टी के 30 विधायकों का समर्थन है। जिसके बाद से राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार गिरने की अटकलें लगाई जा रही है। हालांकि अपनी स्थिति को मजबूत साबित करने के लिए आशोक गहलोत ने व्हिप जारी कर सभी विधायकों को आज जयपुर में पार्टी बैठक में बुलाया है। लेकिन इस बैठक में सचिन पायलट और उनके समर्थक वाले विधायकों ने शामिल होने से मना कर दिया है। वहीं ये भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी जल्द ही सचिन पायलट को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा सकती है।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार सचिन पायलट की और से पार्टी के आलाकमान के सामने कुछ मांगें रखी गई थीं। जिसके बाद उन्हें मैसेज भिजवाया गया था कि वो एक संक्षिप्त बयान जारी करें। इस बयान में ये बोले कि उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी में पूरी आस्था है। वो जो भी फैसला करेंगे वो उन्हें स्वीकार होगा। लेकिन पायलट ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
गौरतलब है कि इस समय राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और आशोक गहलोत इस राज्य के मुख्यमंत्री हैं। साल 2018 में कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव जीता था। जिसके बाद ये उम्मीद की जा रही थी कि पार्टी सचिन पायलट के कामों को देखते हुए इन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बना सकती है। लेकिन पार्टी ने इनकी जगह अपने पुराने नेता आशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद सौंप था। वहीं सचिन पायलट को खुश करने के लिए इन्हें उप मुख्यमंत्री बना दिया गया था। तभी से सचिन पायलट पार्टी के खिलाफ हो गए थे। वहीं दो साल बाद ये अब खुलकर सामने आए हैं और पार्टी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं।
गिर सकती है कांग्रेस सरकार
अगर सचिन पायलट और उनके समर्थन वाले विधायक पार्टी को छोड़ देते हैं। तो राजस्थान में कांग्रेस सरकार गिरने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं। हालांकि आशोक गहलोत अपनी सरकार बचाने की पूरी कोशिशों में लगे हुए हैं और दावा कर रहे हैं कि उनके पास विधायकों का समर्थन है।