नौकरी ना मिलने पर बैंककर्मी के बेटे ने खोल दी SBI की फर्जी ब्रांच, इस तरह से हुआ भंडाफोड़
एक युवक ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ही फर्जी ब्रांच खोल दी और लोगों का बैंक अकाउंट खोलने का काम शुरू कर दिया। आरोपी युवक तीन महीनों से फर्जी ब्रांच को चला रहा था और इस दौरान किसी को भी इसपर शक नहीं हुआ। हालांकि तीन महीने बाद एक ग्राहक की शिकायत पर इस फर्जी ब्रांच का पता चल सका। ये मामला तमिलनाडु के कडलाेर जिले के पनरुत्ती कस्बे का बताया जा रहा है।
पुलिस के अनुसार आरोपी युवक ने दो लोगों के संग मिलकर ये फर्जी ब्रांच खोली थी। वहीं किसी को इसपर शक ना हो इसके लिए बैंक को हुबहु स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरह ही बनाया गया था। इस बैंक के बोर्ड से लेकर फर्नीचर और स्टेशनरी सब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरह ही थे। कैश डिपाॅजिट चालान, रबर स्टैंप और फाइल पर बैंक का नाम प्रिंट था। साथ में ही करेंसी काउंटर मशीन, डेस्कटाॅप कंप्यूटर, प्रिटर और दर्जनाें फाइलें भी माैजूद थीं।
राहत की बात ये है कि लोगों को चूना लगाने से पहले ही इस फर्जी ब्रांच के बारे में पता चल गया और तुरंत पुलिस ने कार्रवाही कर आरोपी युवक को पकड़ लिया। इस मामले में पुलिस का कहना है कि फिलहाल किसी व्यक्ति ने धाेखाधड़ी की शिकायत नहीं की है।
इस तरह से चला पता
पनरुत्ती कस्बे में स्टेट बैंक की दाे ब्रांच हैं। वहीं नई ब्रांच को खुला देख एक ग्राहक ने स्टेट बैंक के मैनेजर से पूछा कि आपने बताया नहीं, शहर में तीसरी ब्रांच खुल गई है? तीसरी ब्रांच की बात सुन मैनेजर को शक हुआ और उसने जाेनल ऑफिस को इस बात की जानकारी दी। जिसके बाद पता चला की काेई भी नई ब्रांच नहीं खाेली गई है। मैनेजर ने पुलिस से शिकायत की और पुलिस ने तुंरत कार्रवाही कर मास्टरमाइंड कमल को पकड़ लिया। कमल की आयु महज 19 साल की ही है। वहीं जिससे कमल ने रबर स्टैंप बनवाए थे, पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार कमल के अलावा रबर स्टैंप वेंडर मणिकम (52) और प्रिंटिंग प्रेस संचालक कुमार (42) काे गिरफ्तार किया गया है।
बैंक की वेबसाइट भी बनाई
पुलिस ने बताया कि इन्होंने अप्रैल महीने में ही ब्रांच खाेली थी और पनरुत्ती बाजार ब्रांच की वेबसाइट भी बनाई गई थी। आरोपी कमल के अनुसार उसने मां और चाची के अकाउंट के बीच ट्रांजैक्शन भी किया हैं। पूछताछ में कमल ने कहा कि वो खुद का बैंक खोलना चाहता था और उसने कोई भी धोखाधड़ी नहीं की है।
कमल के माता-पिता बैंक में नौकरी करते थे। इसलिए कमल को बैंकिंग की जानकारी अच्छे से थी। कुछ साल पहले ही कमल के पिता की मौत हाे गई और मां रिटायर हाे गई। नौकरी के लिए आवेदन किया। मगर इसमें देरी हुई तो कमल ने अपनी ब्रांच खोलने का फैसला कर लिया। इसके बाद कमल ने मणिकम और कुमार की मदद से हुबहु स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरह ही बैंक खोल दिया। कमल इस समय पुलिस की हिरासत में है और उससे पूछताछ की जा रही है।