‘एक चुप, सौ सुख’ – अंगद बेदी ने मज़ेदार तरीके से बताया क्यों पत्नियों के सामने चुप रहते हैं पति
जानिए क्यों पत्नियों के सामने चुप रहते हैं पति
बॉलीवुड की दुनिया वैसे तो सप्राइज़ से भरी हुई है, यहां कब क्या हो जाए किसी को नहीं मालूम। खासकर रिश्तो की सांप सीढ़ी यहां अजीब ही है, कब कौन किसके साथ हो जाये इस बात की जानकारी किसी को नहीं होती। ऐसी ही एक शादी अंगद बेदी और नेहा धूपिया की थी जिससे लोग सप्राइज़ कम और शॉक में ज़्यादा आये।
दरअसल इसके पीछे की वजह यह रही कि किसी को यह कानो कान खबर नहीं हुई कि अंगद और नेहा एक दूसरे के प्रति प्यार में इतना आगे जा चुके हैं कि वो अब शादी करने वाले हैं। हैरानी का सिलसिला इतने पर भी खत्म हो जाता तो कोई बात नहीं थी मगर जब यह मालूम चला कि नेहा शादी से पहले प्रेगनेंट थीं, तब तो लोगों की हैरानी आसमान चूमने लगी।
मगर इसके बाद भी, यह जोड़ा अचानक हुई प्रेग्नेंसी और फटाफट हुई शादी के बावजूद भी एक खूबसूरत सुखी वैवाहिक जीवन जी रहा है और उसके लिए इन दोनों को एक सैल्यूट तो बनता है। मगर जब आप यह सुनेंगे तो हैरत करेंगे कि इनके इस खुशहाल वैवाहिक जीवन के पीछे का राज महज़ चार शब्दों में ही समाहित है। सिर्फ इतना ही नहीं यह इतने सामान्य शब्द है कि इन्हें कई पति सदियों से फॉलो करते आ रहे हैं।
इंस्टाग्राम पर खोला राज़
सुखी वैवाहिक जीवन का मंत्र अंगद ने इंस्टाग्राम स्टोरी के माध्यम से ही साझा किया था। तो हुआ यूं कि अंगद बेदी ने इंस्टाग्राम पर एक दफा सवाल-जवाब का दौर रखा था। इसमें फॉलोवर्स अंगद बेदी से हर तरह के सवाल पूछ सकते थे। इसी दौरान मौके का फायदा उठा कर एक फैंस ने उनसे पूछा डाला कि, ‘आपकी और नेहा की हैपी मैरिड लाइफ का सीक्रेट क्या है?’ अपनी मस्ती के लिए जाने पहचाने जाने वाले अंगद ने सिर्फ इतना कहा, ‘एक चुप, सौ सुख’।
कई पतियों के काम का
दरअसल अंगद का दिया यह चार शब्दों वाला मंत्र हर एक पति से सीधे संबंध रखता है, भले आप इसे पढ़कर हंस कर टाल दीजिये। यह बात भी सौ टका सत्य है कि कई पति इस मंत्र का सच्चे दिल से अनुसरण भी करते हैं। समझदारी की मिसाल, यह पति बहस करने की जगह चुप रहने में विश्वास रखते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं कुछ तो बीवियों की हां में हां मिलाकर झगड़े की जड़ को ही बिल्कुल खत्म कर देते हैं।
झगड़े से बचें
पतियों की अहम परेशानियों में एक परेशानी है पत्नी का नाराज़ होना। जब पत्नी नाराज होती है तो घर में झगड़ा पक्का होता है। ऐसे में पति पहले तो अपनी बात रखने की कोशिश करता है। मगर जब लागता है कि स्थिति अब कंट्रोल से बाहर जा रही है और उसका एक शब्द भी आग में घी का काम करेगा तो ऐसी परिस्थिति में पति मौन धारण कर लेता है। हर बात में पत्नी के अनुरूप गर्दन हिला कर वो जल्द से जल्द इस मसले को खत्म करने की जद्दोजहद में लग जाता है।
तो बात साफ है खुद को और परिवार को प्रेशर तथा टेंशन से बचाने के लिए ज्यादातर पति लड़ाई होने पर भी बात बढ़ाने की जगह चुप्पी और हामी भरने में यकीन रखते हैं।