सावन मास के शनिवार को जरूर करें भगवान शिव और शनि की विशेष पूजा, दूर हो जाएंगे सारे दोष
सावन मास के दौरान एक साथ भगवान शिव और शनि देव का पूजन करने से लाभ मिलता है। ऐसी मान्यता है कि सावन मास में अगर शनिदेव की आराधना की जाए तो शनि दोष, साढ़ेसाती और ढय्या से निजात मिल जाती है। इसलिए शनि दोष, साढ़ेसाती और ढय्या से ग्रस्त लोग शनिदेव की पूजा जरूर करें।
स्कंद पुराण के अनुसार सावन मास में आने वाले शनिवार के दिन भोलेनाथ के साथ-साथ शनिदेव का पूजन भी करना चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में मौजूद दोषों से निजात मिल जाती है। पूजा के अलावा आप सावन शनिवार का व्रत भी कर सकते हैं। भगवान शिव को शनिदेव का गुरु माना जाता है और शिव ने ही शनिदेव को न्यायाधीश का पद दिया था।
शनिदेव खुद भगवान शिव की पूजा किया करते थे। ऐसे में जो भी लोग शिव की पूजा करते हैं शनि देव उन्हें कष्ट नहीं देते हैं। वहीं सावन मास शिव का प्रिय मास है। इस दौरान शिव की पूजा करने के साथ-साथ शनि देव की आराधना करने से भी शुभ फल प्राप्त होता है।
इस तरह से करें शिव-शनि की पूजा
शनिवार को आप सबसे पहले शिव पर जल अर्पित करें और उनकी पूजा कर लें। इसके बाद शनिदेव की प्रतिमा के सामने जाकर एक तेल का दीपक जला दें। फिर शनिदेव को काले तिल, सरसों के दाने, नीले फूल, शमी पत्र और इत्यादि चीजें अर्पित करें और शनि देव के मंत्रों का जाप करें –
पहला मंत्र-
– “ॐ शं शनैश्चराय नमः”
दूसरा मं6-
– “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
तीसरा मंत्र-
– “ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये। सय्योंरभीस्रवन्तुनः।।”
पूजा पूरी होने के बाद विश्वामित्र, पिप्पलाद मुनि और विश्वामित्र के पिता गाधि, इन तीनों का नाम लेकर इन्हें प्रणाम करें। शिवपुराण की शतरुद्र संहिता के अनुसार शनिदेव की पूजा के बाद इन तीनों का नाम लेकर इन्हें प्रणाम करने से शनि पीड़ा नहीं होती है।
हनुमान जी की पूजा
भगवान शिव और शनिदेव के बाद हनुमान जी का पूजन भी करें। क्योंकि हनुमान जी भी भगवान शिव के अवतार हैं और पुराणों के अनुसार शनिवार के दिन हनुमान जी को सरसों का तेल चढ़ाना फलदायक होता है। जो लोग हनुमान जी को सरसों का तेल चढ़ाते हैं, शनिदेव उनको कभी भी कष्ट नहीं पहुंचाते हैं।
पीपल के पेड़ की पूजा
पीपल के पेड़ पर भगवान शिव और शनिदेव का वास भी माना गया है। इसलिए भगवान शिव और शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा भी जरूर करें। लिंग पुराण के अनुसार शनिवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करने से उम्र बढ़ जाती है। इसलिए शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करें और साथ ही 108 बार ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से अकाल मृत्यु टल जाती है।
जरूर करें दान
पूजा करने के बाद दान भी जरूर करें। इस दिन उड़द की दाल, काले तिल और काले कपड़ों का दान करना उत्तम होता है। इसके अलावा ब्राह्मण को भी दान किया जा सकता है। कई लोग शनिवार के दिन गरीब लोगों को भोजन भी करवाते हैं और पैसे दान में देते हैं।