विकास के यहां कैसे फंसी पुलिस, कहां से चल रही थी गोली,चौबेपुर के पूर्व एसओ ने बताई पूरी कहानी
चौबेपुर थाने के पूर्व एसओ विनय तिवारी को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) मंगलवार को बिकरू गांव लेकर गई थी। जहां पर पुलिस ने विनय तिवारी से 3 जुलाई की घटना के बारे में पूछताछ की और उसका बयान दर्ज किया। 3 जुलाई को मौका ए वारदात में पुलिस वहां कैसे फंस गई और गोलियां कहां से चल रही थी और पूरे क्राइम सीन को समझाने के लिए विनय तिवारी को यहां लाया गया था।
घटना वाली जगह ले जाकर एसटीएफ ने विनय तिवारी से पूछा कि आखिर वो कैसे बिना कोई चोट लगे मौकै से बच निकला। गौरतलब है कि जब पुलिस पर विकास दुबे और उसके साथियों ने हमला किया था। उस समय विनय तिवारी भी मौजूद था। लेकिन इस हमले में विनय तिवारी बच निकला और उसके साथी 8 पुलिसकर्मी मारे गए थे। इस दौरान विनय तिवारी को खंरोच तक नहीं आई थी।
थाने की पुरी टीम थी पीछे
सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा तीन थानों की पुलिस के साथ विकास के यहां रेड मारने के लिए गए थे। जिसमें से एक टीम चौबेपुर थाने की भी थी। एसटीएफ की और से की गई जांच में ये बात सामने आई है कि जब सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा अपनी टीम के साथ विकास के घर जा रहे थे। उस समय विनय तिवारी और उनके थाने की पूरी टीम पीछे ही चल रही थी। ऐसे में पुलिस को शक है कि विनय तिवारी को पहले से ही विकास दुबे की साजिश के बारे में जानकारी थी। जिसकी वजह से वो अपनी टीम के साथ पीछे ही चल रहा था। इतना ही नहीं पुलिस जब विकास के घर की और बढ़ी। तो वो रुक गए और फायरिंग शुरू होते ही पूरी टीम के साथ भाग निकला।
चौबेपुर थाने के हर पुलिसवाले पर है शक
बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ की जांच चौबेपुर थाने के अंतर्गत आती है। लेकिन चौबेपुर थाने के अधिकारियों से विश्वास उठने के बाद, इस केस की जांच दूसरे थानों के दरोगाओं को सौंपी गई है। पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में नवाबगंज इंस्पेक्टर को घटना की विवेचना की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह से कोतवाली के दरोगा को असलहों के सत्यापन, घटना में ऑपरेशनल कार्य को करने के लिए कलक्टरगंज, नौबस्ता, बर्रा, स्वरूप नगर आदि थानों के दरोगाओं को लगाया गया है। पुलिस के अनुसार जब तक चौबेपुर थाने में तैनात हर पुलिसवाले की जांच पूरी नहीं हो जाती है, इस केस से उन्हें दूर ही रखा जाएगा।
सभी पुलिसकर्मियों के हो रहे हैं मोबाइल ट्रैकिंग
चौबेपुर थाने में तैनात हर पुलिसकर्मी के मोबाइल नंबर की छानबीन भी का जा रही है और ये पता लगाया जा रहा है कि किन-किन लोगों का संपर्क विकास दुबे से हुआ था।
गौरतलब है कि सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा अपनी टीम के साथ विकास को गिरफ्तार करने के लिए बिकरू गांव गए थे। लेकिन पुलिस टीम के वहां पहुंचते ही उनपर विकास दुबे ने हमला कर दिया। दरअसल विकास दुबे को किसी पुलिस वाले ने रेड की जानकारी पहले ही दे दी थी। जिसके बाद विकास ने अपने बदमाशों को जमा कर पुलिस के आते ही हमला कर दिया। इस हमले में आठ पुलिसवाले शहीद हुए थे। लेकिन विनय तिवारी और उनके थाने के लोगों को एक चोट तक नहीं लगी थी।