अब 18 साल की Tiktok star ने की खुदखुशी, Tiktok बंद होने के बाद से लगातार आ रही हैं ऐसी खबरें
देशभर में सुसाइड संबंधित मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. अधिकतर मामलों में इस सुसाइड की वजह डिप्रेशन होता है. 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत का सुसाइड केस सामने आने के बाद अब मेंटल हेल्थ पर बात होने लगी है. हालांकि खुदखुशी करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. 25 जून को टिकटॉक स्टार (TikTok Star) सिया कक्कड़ (Siya Kakkar) ने आत्महत्या कर सबको चौंका दिया था. अब इसी कड़ी में एक अन्य टिकटॉक स्टार संध्या चौहान (Sandhya Chauhan) की खुदखुशी का मामला भी सामने आया है.
नहीं मिला सुसाइड नोट
18 वर्षीय टिकटॉक स्टार संध्या चौहान दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ती थी. सुसाइड वाले दिन संध्या की माँ भी घर पर थी. हालांकि संध्या की बॉडी को सबसे पहले उनके फुफेरे भाई ने देखा था. उन्हीं ने इसकी सूचना परिवार और पुलिस को दी थी. संध्या के सुसाइड का पता चलते ही उसे हॉस्पिटल ले जाया गया था. हालांकि तब तक बहुत देर हो गई थी. संध्या दम तोड़ चुकी थी. डॉक्टरों ने भी उसे मृत घोषित कर दिया था.
डिप्रेशन का शिकार थी संध्या
संध्या के रिश्तेदारों के मुताबिक वो पिछले दो तीन महीने से डिप्रेशन में थी. कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि हाल ही में टिकटॉक पर लगे बैन से संध्या बहुत उदास थी और उसने ये बड़ा कदम उठा लिया. हालांकि पुलिस को संध्या के पास से कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है. इसलिए फिलहाल सुसाइड की वजह पर कुछ भी बोलना जल्दबाजी होगी.
वैसे पुलिस ने संध्या का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है. इसके साथ ही उसकी बॉडी को भी पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. पुलिस को उम्मीद है कि इस सुसाइड केस के संबंध में उन्हें कोई न कोई सुराग जल्द मिल जाएगा.
सिया कक्कड़ ने भी की थी खुदखुशी
गौरतलब है कि इसके पहले टिकटॉक स्टार सिया कक्कड़ का सुसाइड केस भी चर्चा का विषय बना हुआ था. सिया दिल्ली के प्रीत विहार इलाके में रहती थी. उनकी उम्र 16 साल थी. उनके टिकटॉक पर दस लाख से अधिक फॉलोअर्स थे. पुलिस फिलहाल सिया के सुसाइड केस की भी जांच पड़ताल कर रही है. उनके मेनेजर से भी इस बारे में पूछताछ हुई है. सिया का फोन भी जब्त किया गया था. वो भी कुछ समय से डिप्रेशन में थी.
आजकल डिप्रेशन एक बहुत बड़ी समस्यां बन गई है. खासकर की यंग जनरेशन में इसे झेलने की शक्ति नहीं दिखाई देती है. ऐसे में वे लोग आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लेते हैं. इसलिए यह हमारा भी फर्ज बनता है कि अपने आसपास किसी को उदास देखें तो उससे बातचीत करें. लोगों की मेंटल हेल्थ को सीरियसली लें. यदि आप खुद उदास या अकेलेपन के शिकार हैं तो खुदखुशी जैसा कदम न उठाएं. इस बारे में अपने दोस्त, परिवार या मनोचिकित्सक से बात करें. आत्महत्या किसी भी समस्यां का हल नहीं है. चीजों को थोड़ा समय दे. समय के साथ सब कुछ सही हो जाता है.