लद्दाख : एक किलोमीटर पीछे हटी चीनी सेना, अस्थायी ढांचों और टेंट को भी हटाया-सूत्र
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बढ़ा तनाव अब कम होने लग गया है। सूत्रों के अनुसार दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई है। खबरों के मुतबाकि चीन ने अपने सैनिकों को गलवान नदी घाटी में कम से कम एक किलोमीटर पीछे हटा लिया है। जबकि भारतीय जवान भी पीछे हट गए हैं और दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच एक बफर जोन भी बनाया गया है।
पेट्रोल पॉइंट 14 से पीछे हटी चीन की सेना
गलवान घाटी में मई के महीने से तनाव चल रहा था। चीन की सेना पेट्रोल पॉइंट 14 पर अपना दावा पेश कर रही थी और इस जगह पर चीन ने अपने बंकर भी बना लिए थे। वहीं अब दोनों देशों की सेनाओं ने बातचीत के जरिए इस तनाव को कम कर लिया है और सोमवार को चीन की सेना पेट्रोल पॉइंट 14 से 1.5 से 2 किलोमीटर पीछे हट गई है।
सूत्रों के मुताबिक पेट्रोल पॉइंट 14 से पीछे हटने के साथ ही, इस जगह पर चीन की सेना की और से बनाए गए अस्थायी ढांचों और टेंट को भी हटा दिया गया है। सूत्रों के अनुसार दोनों और बनें अस्थायी ढांचों को वहां से उखाड़ दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में किया था दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिन पहले ही लद्दाख का दौरा किया था और यहां से एक कड़ा संदेश चीन तक पहुंचाया था। लद्दाख में जवान को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने चीन का नाम लिए बिना कहा था कि “विस्तारवाद की उम्र खत्म हो गई है। ये विकास की उम्र है। इतिहास गवाह है कि विस्तारवादी ताकतें या तो हार गई हैं या वापस लौटने के लिए मजबूर हो गई हैं।” वहीं नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे के तीन दिन बाद चीनी सेना के पीछे हटने की खबर आ रही है।
चल रही थी कमांडर स्तर की बैठक
चीन के साथ चल रहे विवाद को कम करने के लिए भारत और चीन सेना के बीच कमांडर स्तर की बैठक काफी समय से चल रही थी। वहीं तीसरे दौर की बैठक के बाद दोनों सेनाओं के पीछे हटने की बात सामने आई है। ये बैठक गलवान घाटी में सैन्य झड़प के बाद से चल रही थी।
हिंसक झड़प में हुए थे 20 जवान शहीद
दरअसल 15 जून को भारत और चीन सैनिकों के बीच एक हिंसक झड़प हो गई थी। जिसमें भारत सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि चीन ने अभी तक इस चीज की पुष्टि नहीं की है कि उसके कितने सैनिक इस झड़प में मार गए थे। लेकिन एक अनुमान के तहत चीन सेना के 40 से ज्यादा सैनिक हताहत हुए थे और इस हिंसक झड़प से चीन को ही ज्यादा नुकसान पहुंचा था। ये झड़प चीन के सैनिकों की और से ही शुरू की गई थी।
झड़प होने के बाद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और बढ़ गया था। जिसके बाद लद्दाख सीमा पर चीन और भारत ने अपने सैनिकों की संख्या एकदम से बढ़ा दी थी। साथ में ही दोनों देशों की और से सीमा पर हथियार भी जमा किए जा रहे थे। हालांकि अब बातचीत के जरिए इस विवाद को हल कर लिया गया है।