इस बंगले की खास जगह पर अभिषेक और ऐश्वर्या ने लिए थे सात फेरे, पलों को याद कर भावुक हुए बिग बी
अमिताभ बच्चन सोशल साइट्स के जरिए फैंस से जुड़े रहते हैं और अपनी बाते शेयर करते हैं
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन एक दमदार अभिनेता तो है हीं साथ ही वो फैंस से एक आम शख्स की तरह सारी बातें शेयर करते हैं। अमिताभ बच्चन ट्विटर और इंस्टाग्राम पर तो पोस्ट करते ही हैं साथ ही ब्लॉग के जरिए भी कई बातें लिखते हैं। ऐसे में फैंस को बिग बी की निजी जिंदगी की कुछ झलकियां मिल जाती हैं। वहीं बिग बी भी अपने फैंस से अपनी दिल से जुड़ी यादों के शेयर करते रहते हैं। हाल ही में भारी बारिश के चलते उनके बंगले प्रतीक्षा में लगा हुआ गुलमोहर का पेड़ उखड़कर गिर गया। ये पेड़ करीब 44 साल पुराना था। इसे लेकर अमिताभ ने अपनी पुरानी यादें फैंस से शेयर की है।
इसलिए बंगले का नाम पड़ा प्रतीक्षा
बिग ने लिखा कि, ‘साल 1976 में हम पहली बार इस घर में आए और जिसे इस पीढ़ी ने कभी और खरीदा और बनाया था और अपना खुद का नाम दिया था। यहां लॉन के बीच में कुछ इंच ऊंचा एक पौधा लगाया था। इस घर में उन्हें पौधा लगाने की प्रेरणा मिली, जहां वो चाहते थे। अमिताभ ने बताया कि उनके इस बंगले का नाम प्रतीक्षा ही क्यों पड़ा।
( अमिताभ बच्चन के ब्लॉग का एक हिस्सा)
अमिताभ ने बताया कि हमने बाबू जी और मां को अपने साथ रहने के लिए कहा। बाबू जी ने घर को देखा और उन्होंने नाम दे दिया ‘प्रतीक्षा’। ये नाम उनकी ही रचना की एक पंक्ति से आया है। स्वागत सबके लिए यहां पर, नहीं किसी के लिए प्रतीक्षा।
यहीं अभिषेक -ऐश ने लिए थे सात फेरे
बच्चन परिवार के घर हर साल सारे त्यौहार इसी पेड़ के आस-पास मनाया जाता था। होलिका दहन, दीवाली, जैसे और भी कई त्यौहारों की रस्में इसी पेड़ के आस-पास की जाती थी। अमिताभ ने आगे लिखा कि बच्चे इसके चारो ओर ही बड़े हुए। जन्मदिन और दूसरे त्यौहारों पर दूसरे गुलमोहर के पेड़ को सुंदर तरीके से सजाया गया।
बिग बी ने बताया कि गुलमोहर के पेड़ के पास ही अभिषेक और ऐश्वर्या ने सात फेरे लिए थे। अमिताभ ने आगे लिखा कि बच्चों( अभिषेक-ऐश्वर्या) ने इससे कुछ ही फीट की दूरी पर शादी की थी और ये पेड़ उनके लिए पैरेंटस की तरह था। जब मां और बाबूजी का निधन हुआ तो इसकी शाखाएं दुखी होकर झुक गई थीं। उनकी प्रार्थना सभा, 13वें दिन शोक की छाया थी।
गुरु पूर्णिमा पर पिता को किया याद
बता दें कि अमिताभ बच्चन ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने पिता को भी याद किया। उन्होंने अपने पिता हरिवंश राय बच्चन को याद करते हुए उनके साथ की एक तस्वीर को फैंस के साथ शेयर किया है। इस तस्वीर के कैप्शन मे लिखा कि कबीरा ते नर अंध हैं, गुरु को कहते और। हरि रुठे गुरु ठौर हैं, गुरु रुठे नहीं ठौर। गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर चरण स्पर्श, शत-शत नमन, अपने गुरुदेव गुरु परम…परम पूज्य बाबूजी।
अमिताभ ने आगे लिखा कि कबीरदास जी ने सत्य ही कहा कि अगर परमात्मा रुठ जाए तो गुरु का आश्रय रहता है लेकिन गुरु के उपरांत कोई ठौर नहीं रहता। गुरु के बिना ज्ञान नहीं, ज्ञान के बिना संस्कृति नहीं। संस्कृति के बिना संस्कार नहीं और संस्कार के बिना आचरण नहीं। आचरण के बिना आदर नहीं आदर के बिना मनुष्यता नहीं। गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सबको हार्दिक शुभकामनाएं।