पढ़ें विकास दुबे की पूरी क्राइम हिस्ट्री, साल 2001 में थाने में घुसकर की थी मंत्री की हत्या
आरोपी विकास दुबे को पकड़ने के लिए यूपी पुलिस कई जिलों में छापेमारी कर रही है। विकास दुबे एक जाना मान बदमाश है और इसके ऊपर कई सारे अपराधी मामले दर्ज हैं। ये एक हिस्ट्रीशीटर (पूर्वापराधी) है। पुलिस के अनुसार विकास दुबे के ऊपर कुल 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें से 20 मामले हत्या या हत्या की कोशिश, गैगंस्टर एक्ट में 15, दंगों के 19 और एनडीपीएस के 2 मामले दर्ज हैं। इतना ही नहीं इस पर एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून भी लग चुका है।
शुक्रवार को पुलिस और विकास दुबे के बीच हुई मुठभेड़ में भी ये मुख्य आरोपी है। दरअसल शुक्रवार को एक मामले की जांच के लिए जब कानपुर पुलिस बिकरू गांव गई थी। तो उस समय विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर हमला कर दिया था। जिसके बाद पुलिस और विकास दुबे के गैंग के बीच मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए। जबकि कई पुलिस वाले घायल हुई हैं और तभी से विकास दुबे फरार है।
विकास दुबे की क्राइम हिस्ट्री
विकास दुबे ‘पंडित जी’ और शिवाली डॉन के नाम से काफी मशहूर है। इसकी हिस्ट्री देखी जाए तो उससे साफ पता चलता है कि ये कितना बड़ा अपराधी है। विकास दुबे के ऊपर कई सारे केस दर्ज हैं और कुछ केस की जानकारी इस प्रकार है-
1. 17 साल की आयु में की थी पहली हत्या
विकास दुबे पर साल 1991 में पहली बार हत्या करना का आरोप लगा था। उस समय विकास दुबे की उम्र महज 17 साल की ही थी। इस उम्र से ही इसका अपराधी बनने का सफर शुरू हुआ था।
2. प्रिंसपल की कि थी हत्या
विकास दुबे ने साल 2000 में ताराचंद्र इंटर कॉलेज की जमीन पर कब्जा कर लिया था। ताकि इस जगह पर मार्केट बनाई जा सके। वहीं जमीन पर कब्जा करने के लिए इस अपराधी ने प्रिंसपल सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या कर दी थी। इस हत्या के लिए इसे उम्रकैद भी हुई। लेकिन बाद में ये जमानत पर बाहर आ गया। सिद्धेश्वर पांडेय के बेटे राजेंद्र पांडेय के अनुसार लोग विकास दुबे से डरते हैं और इसका खौफ पूरे राज्य में फैला हुआ है।
3. राज्यमंत्री की हत्या
बताया जाता है कि साल 2001 में विकास दुबे ने मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। विकास दुबे ने कानपुर के शिवली थाने में घुसकर राज्यमंत्री संतोष शुक्ला को गोलियों से भून डाला था। उस समय राजनाथ सिंह इस राज्य के मुखयमंत्री हुआ करते थे। विकास दुबे से लोग इस कदर डरते थे कि उसके खिलाफ गवाही देने के लिए कोई भी सामने नहीं आया था।
4. केबल व्यवसाय की हत्या
साल 2004 में राज्य में दिनेश दुबे नामक एक केबल व्यवसाय की हत्या हुई थी और इस हत्या में भी विकास दुबे का नाम सामने आया था।
5. भाई पर किया जानलेवा हमला
2018 में विकास दुबे के खिलाफ एक केस दर्ज किया गया था। इसके ऊपर अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया गया था। ये एफआईआर अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों के खिलाफ दर्ज करवाई थी। जिसके बाद इसे पकड़ा गया था और इसी साल ये जेल से छूट कर आया था।
जेल में रहते लड़ा था चुनाव
विकास दुबे का नाता कई सारी पार्टियों के साथ रहा है। एक बार इसने जेल में रहते हुए शिवरापुर से नगर पंचायत का चुनाव भी लड़ा था और इस चुनाव में इसकी जीत हुई थी। इसके अलावा ये 15 सालों तक अपने गांव का प्रधान और 5 साल जिला पंचायत सदस्य भी रहे चुका है। वहीं इस समय इसकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं।