Breaking : नहीं रहीं मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान, इस एक ग़लती का रहा उन्हें ज़िन्दगी भर मलाल
बॉलीवुड इंडस्ट्री को चंद महीने में एक और बड़ा झटका लग गया है। ऋषि, इरफान और सुशांत के बाद अब मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान इस दुनिया में नहीं रही। जी हां, बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान की तबीयत लंबे समय से खराब थी, जिसकी वजह से पिछले दिनों उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हो गया। उनके निधन से बॉलीवुड गलियारों में मामत छा गया है, तो वहीं दूसरी तरफ फैंस सोशल मीडिया पर उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ कर रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, कल अचानक देर रात उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, जिसके बाद उन्होंने मुंबई के बांद्रा स्थिति गुरु नानक अस्पताल में आखिरी सांस ली। 71 साल की उम्र में सरोज खान का कार्डियक अरेस्ट के चलते मुंबई में निधन हो गया। बता दें कि सरोज खान ने अपने करियर में दिग्गज से दिग्गज कलाकारों को अपनी उंगलियों पर नचाया है, ऐसे में उनका अचानक से चले जाना हर किसी को खल रहा है। बता दें कि शुक्रवार की सुबह बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए अच्छी नहीं रही, क्योंकि बॉलीवुड से उनका कोहिनूर छीन गया।
20 जून को अस्पताल में हुई थी भर्ती
मीडिया रिपोर्ट्स की माने, तो कोरियोग्राफर सरोज खान को 20 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस दौरान उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इस दौरान उनका कोरोना टेस्ट भी कराया गया था, जो कि नेगेटिव आया था। इसी बीच उनके करीबी सूत्र ने दावा किया था कि उनकी तबीयत में सुधार हो रहा है और वे बहुत ही जल्द अस्पताल से डिस्चार्ज हो जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कहा जा रहा था कि सरोज खान बहुत ही जल्द घर वापस आएंगी, लेकिन वे अब दुनिया को ही छोड़कर चली गई, जिससे उनके फैंस को करारा झटका लगा है।
बताया जा रहा है कि लीजेंड सरोज खान का अंतिम संस्कार शुक्रवार को मुंबई स्थित मलाड के मालवाणी में होगा, जिसमें 20 लोगों के आने की अनुमति रहेगी। दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से अभी मुंबई की हालत बहुत ही ज्यादा खराब है, ऐसे में सोशल गैदरिंग से बचा जा रहा है। इसके अलावा, सरकारी नियमों के अनुसार भी अंतिम संस्कार में केवल 20 लोग ही शामिल हो सकते हैं।
2,000 से ज्यादा गानों की कोरियोग्राफी कर चुकी हैं सरोज खान
सरोज खान ने इंडस्ट्री में कई दशक दिए हैं। ऐसे में उन्होंने अपने करियर में 2 हजार से ज्यादा गानों को कोरियग्राफ किया है, जिसकी वजह से इंडस्ट्री में उनका काफी नाम फेम रहा है। बता दें कि उन्होंने आखिरी बार कलंक में काम किया था, जिसमें भी उनके काम को खूब सराहा गया था। इतना ही नहीं, सरोज खान को कोरियोग्राफी की वजह से 3 बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका था। याद दिला दें कि संजय लीला भंसाली की फिल्म देवदास में डोला-रे-डोला गाने की कोरियोग्राफी के लिए उन्होंने नेशनल अवॉर्ड जीता था। इसके अलावा, फिल्म जब वी मेट के सॉन्ग ये इश्क… के लिए भी उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था।
बॉलीवुड इंडस्ट्री की बात करें, तो साल 2020 कुछ अच्छा नहीं गुजर रहा है, क्योंकि एक के बाद एक लीजेंड कलाकारों को हम खोते जा रहे हैं। अप्रैल में ऋषि कपूर और इरफान खान को खोने के बाद जून में सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने सबको चौंका दिया, जिसने बॉलीवुड को एक गहरा सदमा दे गया।
इस गलती के लिए हमेशा दुखी रहीं सरोज खान
यूं तो सरोज खान ने अपने करियर में बहुत नाम फेम कमाया, लेकिन उनसे जुड़ा एक किस्सा आज भी उनके फैंस को हैरान कर देता है। दरअसल, साल 1989 में आई फ़िल्म थानेदार और इसके ठीक दो साल बाद आई फ़िल्म हम में एक समानता है, जो कि ‘तम्मा-तम्मा लोगे’ और ‘जुम्मा-चुम्मा दे’ गीत में है। इन दोनों में समानता का मिलना कोई इत्तेफाक नहीं है, बल्कि सरोज खान की एक गलती थी। इतना ही नहीं, जब सरोज की इस गलती के बारे में निर्देशक मुकुल को पता चला तो, उन्होंने उनसे फ़िल्म हम तो छीन ही लिया। साथ ही ‘खुदा गवाह’ से भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरोज खान को असली पहचान माधुरी दीक्षित के गानों एक दो तीन, धक धक और फिर श्रीदेवी का मेरे हाथों में नौ नौ चूड़ियों से मिली, जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।