ओह! तो इस कारण सुषमा स्वराज ने अपनी बेटी का नाम रखा था ‘बांसुरी’, इसके पीछे की कहानी है दिलचस्प
भारत की पूर्व विदेश मंत्री रह चुकी स्वर्गीय सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का 6 अगस्त 2019 में निधन हो गया था. उन्होंने 67 वर्ष की उम्र में दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली थी. सुषमाजी सबसे कम उम्र में मंत्री बनने वाली महिला थी. इसके साथ ही वे दिल्ली की पहली मुख्य मंत्री भी थी. भाजपा में उनका ख़ास स्थान था. बीजेपी में उनका बतौर विदेश मंत्र कार्यकाल 2014 से 2019 तक रहा. उनके जाने से भाजपा सहित भारतीय राजनीति का गहरी क्षति हुई थी. 14 फरवरी 1952 में जन्म्दी सुषमा स्वराज ने साल 1975 में स्वराज कौशल ( Swaraj Kaushal) से शादी रचाई थी. इस शादी से उन्हें एक बेटी हुई जिसका नाम उन्होंने ‘बांसुरी’ (Bansuri Swaraj) रखा.
बांसुरी सुषमा जी की इकलौती संतान है. यही वजह है कि जब उनका निधन हुआ था को बांसुरी ने ही उनकी चिता को मुखाग्नि दी थी. बांसुरी ने एक बेटी होने के साथ साथ बेटे होने का फर्ज भी निभाया है. वे अपनी माँ के बेहद करीब थी. सुषमाजी ने अपनी बेटी का नाम ‘बांसुरी’ क्यों रखा, इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है.
कृष्ण भगवान की भक्त थी सुषमा स्वराज
कहा जाता है कि सुषमा स्वराज श्रीकृष्ण की बेहद बड़ी भक्त थीं. वे कृष्ण भगवान के प्रति बहुत श्रद्धा भाव रखती थीं. कृष्णजी ने अपने जीवन से उन्हें काफी प्रभावित किया था. वे कृष्ण भगवान की तरह कई रूपों में अपनी भूमिका निभाना चाहती थीं. इसे सरलता से समझा जाए तो वे इसी सोच के चलते उन्होंने एक मां, एक बेटी, एक पत्नी और एक राजनीतिज्ञ के रूप में जिंदगी का पूरा आनंद लिया. उन्होंने ये सभी रोल बखूबी निभाएं.
इस कारण बेटी का नाम रखा बांसुरी
बांसुरी का सुषमा जी के जीवन में बहुत अहम स्थान था. वे बांसुरी को जान से भी ज्यादा प्यार करती थी. ऐसे में उनके लिए बेटी का नामकरण करना भी बड़ा विशेष था. इसलिए उन्होंने इस संबंध में बड़ा सोच विचार किया. नतीजा ये हुआ कि श्रीकृष्ण से भक्ति का रिफ्लेक्शन उनकी बेटी के नाम पर भी पड़ा. जिस तरह कृष्णजी को अपनी बांसुरी सबसे प्रिय थी, ठीक उसी प्रकार सुषमा जी को भी अपनी बेटी बहुत प्रिय थी. बस यही वजह थी कि उन्होंने अपनी प्यारी बेटी का बांसुरी रख दिया था.
क्या करती है बांसुरी?
बांसुरी अपने पिता स्वराज कौशल की तरह आपराधिक मामलों की वकील हैं. वे दिल्ली हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में वकालत करती हैं. उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन कर रखा है. इसके अलावा इनर टेम्पल से कानून की डिग्री ली है. 3 जनवरी 1984 में जन्मी बांसुरी फ़िलहाल 36 वर्ष की है. उनकी अभी तक शादी नहीं हुई है. वे कुंवारी है. एक वेबसाइट के अनुसार बांसुरी की कुल सम्पत्ति लगभग 9 करोड़ रुपए है. बांसुरी का सिर्फ नाम ही बांसुरी नहीं है, बल्कि उन्हें सभी म्यूजिक उपकारों में बांसुरी बजाना पसंद भी है. खाली समय में वे पेंटिंग करना पसंद करती है. 2015 में उन्हें एक मामूली दिल का दौरा भी आया था, तब उन्हें एम्स में भारती किया गया था.
सुषमाजी आज भले हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी यादें आज भी सभी के दिलों में ताजा है. उनकी बेटी में भी सुषमा जी की झलक देखने को मिल जाती है.