सड़क दुर्घटना का शिकार हुए लोगों को राहत की सांस, अब होगा कैशलेस इलाज, सरकार ला रही यह योजना
भारत में हर साल लगभग 1.5 लाख लोग सड़क दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं. परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways या MoRTH) के अनुसार इंडिया में रोजाना तक़रीबन 1200 लोग रोड एक्सीडेंट्स (Road Accidents) का शिकार हो जाते हैं. इनमे से 400 रोजाना मौत के घाट उतर जाते हैं जबकि बाकी घायल या अपंग हो जाते हैं. इस बीच केंद्र सरकार जल्द ही सड़क दुर्घटना पीड़ित लोगों के लिए एक बड़ी योजना लाने वाली है. इस योजना के अंतर्गत एक्सीडेंट्स में घायल हुए लोगों का कैशलेस इलाज होगा. इस तरह के लोगों के इलाज का पेमेंट करने के लिए गवर्नमेंट ‘मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड’ ( Motor Vehicle Accident Fund ) का गठन भी करेगी.
2.5 लाख रुपये होगी सीमा
परिवहन मंत्रालय द्वारा दिए गए प्रस्ताव में एक्सीडेंट में घायल हुए हर शख्स के इलाज के भुगतान के लिए 2.5 लाख रुपये तक की सीमा तय की गई है. इस योजना को PM-JAY (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) के अंतर्गत लागू किया जाएगा. इसे लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के मजबूत आईटी ढाँचे का इस्तेमाल होगा. मंत्रालय ने एनएचए को इस बावत नोडल एजेंसी भी नामित किया है. यही एजेंसी दुर्घटना में घायल हुए लोगों के इलाज का भुगतान करने की प्रक्रिया संभालेगी.
केंद्र ने राज्यों को भेजा पत्र
इस योजना की ख़ास बात ये हैं कि इसका लाभ भारतीय या विदेशी राष्ट्रीयता दोनों पात्रता वाले लोग ले सकेंगे. केंद्र सरकार ने सभी मुख्य सचिवो से कहा है कि वे लोग 10 जुलाई तक इस प्रस्तावित योजना पर अपनी प्रतिक्रिया दें. इस संबंध में परिवहन मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक पत्र भी लिखा है. इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार सड़क दुर्घटना के पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार की एक योजना बना रही है. इसमें पीड़ित लोगों का कैशलेस उपचार करने हेतु एक फंड बनाने का प्रावधान हो सकता है.
पत्र में ये भी कहा गया है कि पीएमजेएवाई को कार्यान्वित करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण को नोडल एजेंसी बनाया गया है. इसके तहत देशभर में 21,000 अस्पतालों सड़क दुर्घटना पीड़ित इस योजना का लाभ उठा सकेगा. इस एजेंसी (एनएचए) का इन 21 हजार हॉस्पिटल्स के साथ करार भी है. ऐसे में इसे लागू करने का जिम्मा भी यही उठाएगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि PM-JAY देशभर के 36 में से 23 राज्यों और केंद्र साशित प्रदेशों में लागू होने जा रहा है. इस योजना के तहत लगभग 13 करोड़ परिवारों को लाभ मिलेगा. यक़ीनन केंद्र सरकार की तरफ से इस योजना को लागू करने का लिया डिसीजन बहुत अच्छा है. इससे बहुत से लोगों को मदद मिलेगी.