चाइनीस एप्स बैन होने पर तिलमिला उठा “लिबरल वर्ग” बोले- “ये चीन पर नहीं, मुसलमानों पर है हमला”
चीनी एप्स के संबंध में भारत सरकार द्वारा एक बहुत बड़ा कदम उठाया गया है, भारत में चीन से संबंध रखने वाली 59 ऐप बंद कर दी गई है, इनमें से सबसे प्रचलित एप्स टिक टॉक और यूसी ब्राउजर भी इस श्रेणी में है, सरकार द्वारा यह बताया गया है कि यह एप्स सुरक्षा के लिहाज से नुकसानदेह साबित होता है, भारत में चीनी एप्स बंद होने को लेकर बहुत से लोग काफी खुश है परंतु कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम को लेकर काफी नाराज है, कुछ लोग चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं, जैसे मानो इनका कोई निजी नुकसान हो गया हो, ऐसे कुछ लिबरल वर्ग हैं जो चाइनीस ऐप्स बैन करने पर तिलमिला उठे हैं, जब-जब भारत सरकार ने किसी शत्रु के विरुद्ध कैसा भी कदम उठाया है तो शत्रुओं से ज्यादा पीड़ा हमारे देश में बैठे हुए आस्तीन के सांपों को पहुंचीं है, सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम को लेकर लिबरल वर्ग इसकी आलोचना कर रहे हैं।
20 Indian soldiers die. We ban tik tok. The Chinese are still in occupation of our territory
— Swati Chaturvedi (@bainjal) June 30, 2020
अब आप स्वाति चतुर्वेदी के इस ट्वीट को देखिए, इस ट्वीट को देखने के बाद यह साफ-साफ लग रहा है कि भारत सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से इनको कितना दुख पहुंचा है, स्वाति चतुर्वेदी मैडम जी ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि “20 भारतीय सैनिक मारे गए, और भारत ने क्या किया, सिर्फ टिक-टॉक बैन किया, चीन अपना कब्जा जमाया हुआ है, उससे कोई मतलब नहीं”। इन मोहतरमा के ट्वीट से यह पता लगता है कि टिक-टॉक बैन होने की वजह से इनको काफी गहरा धक्का लगा है।
Tik Tok’s humble contribution of 30 Crores to humble Chaiwala’s fund! So ungrateful! https://t.co/Ht5t22oJEI
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) June 30, 2020
हमेशा से ही भारत सरकार अपने देश के हित के लिए कार्य कर रही है और देश के हित के लिए जो उचित लगता है वह कदम उठाने में सरकार बिल्कुल भी पीछे नहीं हटती है, बीच में ऐसी खबर सामने आई थी कि टिक-टॉक के साथ-साथ कई चाइनीस एप्स ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा कोविड-19 के लिए स्थापित किए गए पीएम केयर्स फंड में 50 करोड़ से अधिक का दान किया गया था, परंतु इसके बाद जब चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाया गया तो कुछ लिबरल वर्ग के लोग ऐसे थे जिनको सरकार का यह फैसला बिल्कुल भी पसंद नहीं आया था, एक ट्वीट के जरिए प्रशांत भूषण ने यह लिखा था कि “एक विनम्र चाय वाले को, एक विनम्र संगठन का इतना बड़ा दान, फिर भी एप पर प्रतिबंध! बहुत नाइंसाफी है”।
Chinese Companies donations to PMCARES Fund
Xiaomi: ₹10 Crore
Huawei: ₹7 Crore
One Plus: ₹1 Crore
Oppo: ₹1 Crore
TikTok: ₹30 Crore— Dhruv Rathee ?? (@dhruv_rathee) June 28, 2020
वाह भाई! अब ध्रुव राठी जी को देखिए, ऐसा लगता है कि जैसे इनके पास चाइनीस कंपनी का पूरा लेखा-जोखा है, इन्होंने तो पूरी लिस्ट ही जारी कर दी है, किस चीनी कंपनी ने कितना दान दिया है इनके पास तो इसकी पूरी खबर मौजूद है, इस लिबरल वर्ग के सदस्य के अनुसार ट्वीट के माध्यम से यह बताया था कि किस चीनी कंपनियों ने पीएम केयर्स फंड को डोनेट किया- “Xiaomi ने ₹10 करोड़ रुपये, Huawei ने ₹7 करोड़ रुपये, One Plus ने ₹1 करोड़ रुपये, Oppo ने ₹1 करोड़ रुपये और TikTok ने ₹30 करोड़ रुपये”।
Tiktok बंद होने से बेरोजगारी बढ़ चुकी हैं
देखिये 30 करोड़ के कमीशन के लिए कितनी धक्का मुक्की #चीन_का_काल_मोदी pic.twitter.com/GbFMmy80HO
— Raghav Jha (@Raghavjha20f) June 30, 2020
सरकार द्वारा चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद कुछ ऐसे नमूने हैं जो इसके लिए काफी चिन्ताशील है, आखिर चाइनीस कंपनियों द्वारा पीएम केयर्स फंड में जो 30 करोड रुपए का दान दिया गया था उसका क्या होगा? इस पर निशाना साधते हुए ट्विटर के यूजर राघव झा ने कांग्रेस की पोल खोलते हुए उनके आईटी सेल के सदस्यों के कुछ ट्वीट सार्वजनिक तौर पर पोस्ट करते हुए यह लिखा है कि “टिक-टॉक बंद होने से बेरोजगारी भी काफी बढ़ चुकी है, देखिए 30 करोड़ के कमीशन के लिए कितनी धक्का-मुक्की हो रही है”।
रवि शंकर प्रसाद : अरे TikTok हमने तो मज़ाक किया था, लाओ दो #PMCaresFunds में और 30 करोड़, और अपना काम पहले जैसे चालू रखो… https://t.co/4FkXh5RpLP
— Alka Lamba ??? (@LambaAlka) June 30, 2020
अलका लांबा के इस ट्वीट से यह साफ-साफ झलक रहा है कि यह मोदी सरकार पर कमीशनखोर होने का आरोप लगा रही है, उन्होंने लिखा कि “रवि शंकर प्रसाद- अरे TikTok हमने तो मजाक किया था, लाओ दो पीएम केयर्स फंड में और 30 करोड, और अपना काम पहले जैसा चालू करो”।
चाइनीस एप्स पर सरकार द्वारा प्रतिबंध क्या लगाया गया, लोग इसमें अलग-अलग तरीके से एंगल ढूंढने में लगे हुए हैं, अब आप इसी ट्वीट को देखिए, इसमें केंद्र सरकार पर अल्पसंख्यक विरोधी होने का आरोप लगाते हुए लिखा कि “एक्सपर्ट्स का मानना है कि टिक-टॉक एक बहुत ही इंक्लूसिव प्लेटफार्म है, जहां पर मुसलमानों ,दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों को खूब अवसर मिलते थे, यह चीज दक्षिणपंथी नहीं पचा पा रहे हैं और इसलिए जो आज हुआ वह असल जिंदगी में एक दंगे के बराबर है, क्योंकि यह प्रतिबंध एक सफल मुसलमान पर हमले के बराबर है”।
चाहे लिबरल वर्ग के लोग कुछ भी टिप्पणियां करें, चाहे उनके मन में सरकार के प्रति कितना भी क्रोध हो, परंतु एक बात तो है, जो भारत सरकार के द्वारा कदम उठाया गया है यह एक तीर से दो निशाने के बराबर है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने एक तीर से दो लक्ष्य भेद दिए, चाइनीस एप्स पर प्रतिबंध लगाकर चीन के पेट पर लात मारी है, सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से ऐसे लोगों की भी पोल खुल गई है जो खाते अपने देश का है और गुणगान शत्रु देश का करते हैं।